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भारत में ब्लैकबेरी के भविष्य का फैसला आज

३० अगस्त २०१०

भारत की सुरक्षा चिंताओं से सरकार को संतुष्ट कर पाने में अब तक नाकाम रही स्मार्टफोन कंपनी ब्लैकबेरी के भविष्य पर आज फैसला हो जाने की उम्मीद है. भारत सरकार और कंपनी के कनाडाई अधिकारियों के बीच इसे लेकर अहम बैठक हो रही है.

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तस्वीर: DPA

ब्लैकबेरी बनाने वाली कंपनी रिसर्च इन मोशन (रिम) के आला अधिकारी नई दिल्ली में हो रही बैठक में गृह सचिव जीके पिल्लई की अगुआई वाले प्रतिनिधिमंडल को सुरक्षा चिंताओं के बारे में संतुष्ट करने की कोशिश करेंगे. सरकार ने कंपनी को इसके लिए 31 अगस्त तक का समय दिया है और अगर कंपनी इस में नाकाम रहती है तो उसे भारत में अपनी सेवाएं बंद करनी होंगी.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बैठक की पुष्टि करते हुए बताया कि इसमें सुरक्षा एजेंसियों और संचार मंत्रालय के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे. ब्लैकबेरी की मैसेंजर सर्विस के सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी के दायरे से बाहर होने के कारण भारत सरकार ने कंपनी को इसका कोई हल निकालने के लिए कहा है. कंपनी का कहना है कि उसका मेन सर्वर कनाडा में होने के कारण भारत की सुरक्षा एजेंसियां इस पर निगरानी नहीं रख सकतीं.

भारत ने आतंकवादी हमलों के मद्देनजर इसे सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बताया है और आतंकवादियों के हाथों इस खामी का दुरुपयोग होने की आशंका जताई है. कंपनी ऐसी ही सुरक्षा चिंताओं के मामले में चीन और रूस को संतुष्ट कर चुकी है. इसके बाद भारत सरकार ने कंपनी को मैसेंजर सर्विस को निगरानी के दायरे से बाहर रखने की अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया है. कंपनी ने हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात में भी इस सेवा को निगरानी के दायरे में कर दिया. इसके बाद ही भारत सरकार ने ब्लैकबेरी को अल्टीमेटम देते हुए तत्काल इस दिशा में कारगर कदम उठाने का आदेश दे दिया.

इस बीच आधिकारिक सूत्रों देर शाम शुरू हो रही बैठक में रिम की ओर से सरकार को सुरक्षा चिंताओं का हल मुहैया कराने का भरोसा दिलाते हुए इसके लिए थोड़ी और मोहलत मांगने की बात कही. इसके मद्देनजर सरकार की ओर से कंपनी को 2-3 दिन का समय मिलने की संभावना है.

रिपोर्टः एएफपी/निर्मल

संपादनः वी कुमार

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