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भारत से सीखना चाहते हैं बॉन जोवी

२३ दिसम्बर २०१०

लगभग तीन दशक तक अपने गानों पर पूरी दुनिया को थिरकाने वाले जॉन बॉन जोवी को मलाल है कि वे अभी तक भारत नहीं जा पाए हैं. उन्हें लगता है कि उन्हें तो बहुत कुछ सीखना है, भारत में भी सीखने को बहुत कुछ है.

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तस्वीर: AP

दो साल पहले बॉन जोवी का कंसर्ट मुंबई में होना था लेकिन ऐन मौके पर हुए 26/11 के आतंकवादी हमले ने योजना खराब कर दी और जोवी भारत नहीं जा पाए. जोवी ने भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई को ईमेल पर दिए इंटरव्यू में कहा, "मैं भारत आना चाहता हूं. बड़े दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक मैं भारतीय संगीत से नहीं जुड़ पाया हूं. मैं वहां का शास्त्रीय संगीत सुनना चाहता हूं लेकिन अभी तक मुझे मौका नहीं मिला."

John Bon Jovi
तस्वीर: AP

बॉन जोवी बैंड के प्रमुख गायक जॉन बॉन जोवी का कहना है कि उन्हें भारतीय संगीत के सुर सा-रे-गा-मा को भी समझने का शौक है और वह यह जल्द करना चाहते हैं. इट्स माई लाइफ और लीविंग ऑन अ प्रेयर जैसे सदाबहार गाने देने वाले जोवी के अल्बम आज भी टॉप चार्ट में रहते हैं.

लगभग 50 साल के हो चुके जोवी के सिर पर अभी भी भरे पूरे सुनहरे बाल हैं और वह दुनिया भर में पसंद किए जाते हैं. जोवी का कहना है, "हमें अपने आप से ईमानदार रहने की जरूरत है और मैं अपना काम जारी रखना चाहता हूं. आप क्या हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता है. आपको अपने काम को प्यार करना चाहिए और अगर आप अपने काम को प्यार करेंगे तो आप पर मेहरबानी बरसेगी."

उनके बैंड ने हाल ही में एमटीवी अवॉर्ड्स में ग्लोबल आइकन ट्रॉफी जीती है. जोवी ने हाल ही में कहा है कि वह जल्द ही संगीत को अलविदा कहने वाले हैं और अपने चार बच्चों के साथ समय बिताना चाहते हैं.

बॉन जोवी बैंड में जॉन बॉन जोवी के अलावा गिटारिस्ट रिची संबोरा, की बोर्ड चलाने वाले डेविड ब्रायन, ड्रमर टिको टॉरेस और ह्यू मैकडोनाल्ड शामिल हैं. इनका पहला अल्बम 1983 में रनअवे आया और उसके बाद संगीत की दुनिया में यह एक जाना पहचाना नाम बन गया.

न्यू जर्सी के रहने वाले जॉन बॉन जोवी सामाजिक कार्यों में भी लगे हैं.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः वी कुमार

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