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भूली हंसी को लौटाते जोकर

३० नवम्बर २०१२

उनकी कोशिश है थके, दुखी, हताश चेहरों पर खुशी की एक रेखा खींचने की. नम आंखों में खिलखिलाहट की चमक लाने की. गरीब बस्तियों, दुखियारों, मजदूर बच्चों के बीच वो जाते हैं और कुछ दिन, कुछ शामें खिलखिलाहट से भर देते हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

ये हैं क्लाउन्स विदाउट बॉर्डर्स. हाल ही में इस संस्था ने फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में बच्चों के अधिकारों के लिए एक कार्यक्रम किया. मनीला में उन्होंने एक झुग्गी बस्ती में बच्चों के साथ बास्केटबॉल भी खेला. संस्था की इसाबेल मार्टिनी कहती हैं, "हम बच्चों के लिए खुशी और मजे के छोटे छोटे पल लाना चाहते हैं, ताकि वह जिंदगी की मुश्किलों को थोड़े समय के लिए भूल सकें."

मार्टिनी ने बताया कि क्लाउन्स विदाउट बॉर्डर्स ऐसे कई स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के साथ काम कर रही हैं जो सड़कों पर रहने वाले बच्चों या झुग्गी बस्ती में रहने वाले परिवारों की मदद करते हैं. खाना, घर और शिक्षा जैसी मूल जरूरतों को पूरा करवाते हैं.

मनीला आई टीम में कुछ क्लाउन्स के अलावा फ्रांस, जर्मनी, स्पेन के अन्य कलाकार हैं. ये सभी 20 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं. कार्यक्रमों में कला और संगीत की वर्कशॉप भी शामिल थीं.

शो आयोजित करने वाली संस्था चिल्ड्रन राइट्स सेंटर के विल्मार डेला रोजा कहते हैं, "मुख्य लक्ष्य है बच्चों को खुश करना. कई वर्कशॉप में इन बच्चों ने हिस्सा ले कर अपनी प्रतिभा दिखाई."

Clowns ohne Grenzen
मनीला में क्लाउन्स विदाउट बॉर्डर्सतस्वीर: picture alliance/dpa

कौन हैं क्लाउन्स

स्पेन के बार्सिलोना में क्लाउन्स विदाउट बॉर्डर्स का गठन जुलाई 1993 में किया गया. यह विचार तब आया जब स्पेन के क्लाउन तोर्तेय पोल्टरोना को क्रोएशिया के शरणार्थी शिविर में कार्यक्रम के लिए बुलाया गया. कार्यक्रम को 700 से ज्यादा बच्चों ने देखा. तब पोल्टरोना को लगा कि संकटग्रस्त इलाकों में क्लाउन्स की बहुत जरूरत है. तब उन्होंने क्लाउन्स विदाउट बॉर्डर की स्थापना की. मकसद संकट के कारण दुखी और पीड़ित लोगों को हंसाया था.

संस्था की वेबसाइट पर लिखा है, "हम क्लाउन्स हैं, एक्रोबेटिक और नाच गाना पेश करने वाले कलाकार हैं. जो स्वैच्छिक आधार पर संकटग्रस्त इलाकों में जाते हैं और वहां रहने वालों के लिए कार्यक्रम करते हैं. हमारा उद्देश्य है कि ऐसे इलाकों में रहने वाले लोग दिल खोल कर हंसे. हम उन्हें अच्छी यादें दे सकें. संकटग्रस्त इलाकों से हमारा मतलब हैं ऐसे इलाके, जो युद्ध, प्राकृतिक आपदा या गरीबी से पीड़ित हैं."

स्पेन में शुरू हुआ विचार फ्रांस और स्वीडन पहुंचा. इसके बाद आज की तारीख में नौ देश क्लाउन्स विदाउट बॉर्डर परिवार में शामिल हैं. जर्मनी में यह पहली जुलाई 2007 को शुरू किया गया. अभी तक जर्मनी के कलाकार और क्लाउन्स रोमानिया और यूक्रेन दो बार जा चुके हैं. इसके अलावा वह श्रीलंका, जॉर्जिया और भारत भी गए हैं.

Clowns ohne Grenzen
फ्रांस के क्रिस्टोफे डेविडतस्वीर: picture alliance/dpa

फरवरी और मार्च 2012 की भारत यात्रा के बारे में संस्था के आंद्रेयास वेबलॉग पर लिखते हैं, "आज (25फरवरी 2012) भारत में हमारा तीसरा दिन है. दिल्ली एक अद्भुत शहर है. यहां एक करोड़ तीस लाख से दो करोड़ बीस लाख के बीच लोग रहते हैं. बिना किसी को धक्का दिए आगे की दौड़ जारी रहती है. व्यस्त जीवन का डांस. दोपहर हमने सनशाइन प्रोजेक्ट के बच्चों के लिए कार्यक्रम किया." कुकू औरोरू ने यह प्रोजेक्ट आठ साल पहले शुरू किया. जिसमें सड़क पर रहने वाले बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा का इंतजाम किया जाता है. जर्मन सेंटर पर हमने इन बच्चों के लिए प्रोग्राम किया.

वहीं अमेरिका के क्लाउन्स विदाउट बॉर्डर्स ने इसी साल फरवरी और मार्च के बीच राजस्थान के गावों का दौरा किया. व्यस्त और पस्त जीवन में खुशी के पल बिखेरते क्लाउन्स विदाउट बॉर्डर्स में बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, स्पेन और अमेरिका शामिल हैं.

रिपोर्टः आभा मोंढे

संपादनः ओंकार सिंह जनौटी