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भोपाल कांड में कानूनी विकल्प तलाशता जीओएम

२० जून २०१०

भारत सरकार का मंत्री समूह भोपाल गैस हादसे के बाद आरोपियों के खिलाफ कानूनी विकल्प तलाश रहा है. जीओएम की लगातार दूसरे दिन शनिवार को बैठक हुई, जिसमें खास तौर पर कानूनी पेंच पर विचार किया गया. सोमवार को रिपोर्ट सौंपनी है.

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तस्वीर: UNI

भोपाल गैस पर अदालती आदेश के बाद बने मंत्री समूह यानी जीओएम की अध्यक्षता कर रहे गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, "हमने अदालत के फैसले के बाद सभी कानूनी पक्षों और कानूनी विकल्पों पर विचार विमर्श किया है. हमने सभी पक्षों की बात सुनी है और एक आम सहमति की ओर बढ़ रहे हैं." हालांकि उन्होंने इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी.

Kalenderblatt Chemieunfall in Bhopal Indien 1984
तस्वीर: AP

चिदंबरम ने कहा कि इन सभी पक्षों को उस रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा, जो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी जानी है. मध्य प्रदेश की अदालत ने सात जून को भोपाल कांड में फैसला सुनाया था, जिसमें आरोपियों को सिर्फ दो साल की सजा मिली थी. इस फैसले पर असंतोष बढ़ने के बाद भारत सरकार ने मंत्री समूह का गठन किया था. इसमें नौ मंत्री शामिल हैं. इसकी पहली बैठक शुक्रवार को हुई.

अन्य मुद्दों के अलावा जीओएम इस बात पर भी विचार कर रहा है कि 1984 के गैस कांड पीड़ितों के मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए. भारत के योजना आयोग ने पहले ही पीड़ितों के लिए 982 करोड़ के पैकेज का एलान कर दिया है.

गृह मंत्री ने बताया की अगली बैठक में सेहत के मुद्दे पर बात होगी और चर्चा होगी कि पीड़ितों को किस तरह बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सकती हैं. इसमें पीने के पानी की समस्या पर भी विचार होगा.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः एस गौड़