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मंथन है जानकारियों का पिटारा

१८ फ़रवरी २०१४

पिछले सप्ताह मंथन कार्यक्रम कैसा लगा हमारे पाठकों को, जानिए उन्हीं से आई फीडबैक से.......

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Symbolbild - Sternsystem Kepler
तस्वीर: NASA Ames/JPL-Caltech

लगभग महीनों बाद आज दोबारा मंथन का प्रसारण दूरदर्शन पर देखा. व्यस्तता के कारण शनिवार को कार्यक्रम नहीं देख पा रहा था इसलिए यूट्यूब पर ही इसके कुछ अंश देखकर संतुष्ट होना पड़ता था. आज का मंथन देखकर बहुत ही आनंद आया, खासकर ध्रुवीय ज्योति पर आधारित आपकी प्रस्तुति कमाल की लगी. इस पर आधारित रिपोर्ट देखकर बेहद रोचक जानकारियां हाथ लगी. कुल मिलाकर आपका आज का कार्यक्रम जानकारियों का पिटारा था. धन्यवाद इसे हमारे सामने खोलने के लिए.

प्रशांत शर्मा, जमशेदपुर

इंसान सदियों से चांद की चाहत रखता आया है और जब इंसान ने बहुत से मैदानों के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भी विकास की तरफ कदम बढ़ाए, तो 1969 में नील आर्मस्ट्रॉन्ग के साथ मानव जाति ने चांद पर पहला कदम रखा. फिर जब पृथ्वी पर रहने वालों ने आसमान की तरफ ऊपर जाने का रास्ता देख लिया, तो शुरू हुआ एक नया इतिहास. कोई नहीं जानता कि खुदा के इस अद्भुत और आश्चर्यजनक ब्रह्माण्ड और उससे भी अधिक रहस्यों से भरे पूरे निजाम को पूरी तरह से जानने, देखने और समझने में इंसान कितना सफल हो पाएगा, लेकिन एक बात यकीनी है कि इस काम की ओर इंसान तेजी से अपने कदम बढ़ाता जा रहा है. मंथन में जर्मन शहर स्टुटगार्ट में इसी हवाले में हो रहे शोध और आइंदा की योजनाओं के बारे में दी जाने वाली जानकारी बहुत पसंद आयी. मैं इतना जरूर कहूंगा कि चांद में गड्ढे और उन गड्ढों में भरे हुए पानी के बारे में जानकर अब कम से कम हमारे जैसे देशों के कवि लोग अपने मेहबूब को चांद जैसा चेहरा, चांद का टुकड़ा, चौदहवीं का चांद, आदि कहना अब छोड ही दें तो बेहतर होगा, बात कहां से कहां तक जा पहुंची है. वैसे चांद और उससे संबंधित बहुत सी अहम बातों के हवाले से बहुत अहम, रोचक और ज्ञानवर्धक रिपोर्ट के लिए मंथन और डीडब्ल्यू जी का बहुत शुक्रिया.

Bildergalerie Raumfahrt Astronaut auf dem Mond
तस्वीर: NASA/Newsmakers

आजम अली सूमरो,खैरपुर मीरस, सिंध, पाकिस्तान

इच्छाओं के अनुरूप अपनी गुणवत्ता का नमूना पेश करता मंथन एक बार फिर हमें रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारी दे गया. किसी कल्पना जैसी लगती जादुई पावर लाइट जिसके विषय में सिर्फ सुना था पर जब साक्षात दर्शन हुआ तो दिल मंथन की प्रशंसा किये बगैर न रह सका. बधाई के पात्र हैं सभी कार्यकर्ता जो अपनी अथाह मेहनत के बल पर इसे तैयार कर हमारे समक्ष पेश करते हैं. आशा है इसी तरह भविष्य में भी "मंथन" कुछ अद्धभुत, रोचक एवं ज्ञानवर्धक गतिविधियों से अवगत कराता रहेगा.

मुहम्मद सादिक आजमी, ग्राम लोहिया, जिला आजमगढ़, उत्तर प्रदेश

Sotschi 2014 - Skispiringen
तस्वीर: picture-alliance/dpa

सोची ओलंपिक में जर्मनी के स्लेज खिलाड़ियों की सफलता के लिए बधाई देता हूं. ये सच बात है कि जर्मनी स्लेज खिलाड़ियों की सफलता पर दुनिया चकित है. आज दुनिया की निगाह सोची ओलंपिक पर टिकी है और ऐसे में जर्मन खिलाड़ियों के ज़बरदस्त प्रदर्शन ने विश्व जगत का ध्यान केंद्रित किया है. आज मैं जर्मन खिलाडी ट्रेनिंग ग्रुप के अकेले चार चार गोल्ड मेडल जीत पर ढेर सारी बधाई देता हूं. 'मनुष्यों का कैसा हो वसंत' पर आधारित लेख बहुत ही अच्छा लगा. आपकी वेबसाइट पर दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट से सम्बंधित जानकारी भी बहुत पसंद आयी लेकिन ये बात सच है कि पर्वत पर चढ़ना कोई मामूली काम नहीं है इसके लिए मजबूत कलेजे और सेहत चाहिए लेकिन आपकी रिपोर्ट से एक और जानकारी बढ़ी कि पर्वत पर चढ़ने के लिए मजबूत कलेजे और सेहत के साथ साथ भारी जेब भी चाहिए...अच्छी रिपोर्ट के लिए लिए धन्यवाद.

अमीर अहमद, नई दिल्ली

संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः आभा मोंढे

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