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मंथन 171 में खास

आईबी/ओएसजे२४ फ़रवरी २०१६

क्या सैटेलाइट के बिना भी किसी इमारत के भीतर नेविगेशन संभव है, जर्मनी के वैज्ञानिक इसका हां में जवाब दे रहे हैं. उन्होंने एक वैकल्पिक नेविगेशन भी तैयार किया है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Kleinschmidt

क्या आप भी गूगल इस्तेमाल करते हैं. गूगल को हमेशा पता होता है कि हम कहां हैं. हमारी जेब में पड़ा स्मार्ट फोन नियमित इंटरवल पर जीपीएस की मदद से हमारी पोजीशन का पता करता रहता है. लेकिन यह जीपीएस के बिना भी संभव है और उसके फायदे भी हैं.

कैसे काम करती हैं इंद्रियां

हमारी अनुभूति, इस जटिल दुनिया में आगे बढ़ने के लिए हमें गाइड करती रहती है. हम चीजों को देखते हैं, बाधाओं से बचते हैं, आवाज सुनते हैं, खतरे को भांपते हैं. अंधरे में चीजों को छूकर महसूस करते हैं कि वह क्या है. आखिर ये होता कैसे है? यह बात कुछ समय से थुबिंगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को भी परेशान कर रही है.

Symbolbild Gehirn Nervenzellen Synapsen
ऐसा दिखता है मस्तिष्क के भीतर तंत्रिकाओं का जालतस्वीर: Sergey Nivens/Fotolia.com

पशु बनाम इंसान

लोस कोलोराडोस का नेशनल पार्क छोटा है लेकिन यह कोलंबिया का सबसे महत्वपूर्ण जंगल है. यहां 2500 एकड़ के इलाके में लोग ट्रॉपिकल जंगल मोंटेल दे मारिया के बारे में जानकारी पाते हैं यहां के वन्य जीवन का दीदार करते हैं. इलाके में पक्षियों की 280 प्रजातियां रहती हैं. लेकिन बाहरी दबाव बढ़ रहा है. व्यस्त रोड, पेड़ों का कटना और पड़ोस में बसा शहर नेशनल पार्क को प्रभावित कर रहे हैं.

धरोहरों में हम सबकी दिलचस्पी होती है.

अद्भुत कलाकार और साइमन की बिल्लियां

ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में डेनमार्क के एक कलाकार तकनीक की मदद से पुराने महल को नया रूप दे रहा है. उनका हुनर कुछ उनका काम कला कम और हूबहू असली दुनिया ज्यादा लगता है.

यूरोप में कोई ढाई करोड़ से ज्यादा पालतू बिल्लियां हैं. अगर जंगली बिल्लियां की संख्या जोड़ दी जाए तो दुनिया भर में 100 करोड़ से ज्यादा होंगी. इनमें से तीन ब्रिटेन के कार्टूनिस्ट साइमन टोफील्ड की हैं. साइमन्स कैट वीडियो सीरीज की वजह से भी उन्हें नाम मिला है. उनकी कामयाबी का राज है, अपनी बिल्लियों को देखना.