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यूरोप भी जिम्मेदार

२३ नवम्बर २०१३

कतर में 2022 के फुटबॉल विश्व कप की तैयारी तेजी से हो रही है लेकिन वहां मजदूरों की हालत को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. अब फीफा अध्यक्ष ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

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तस्वीर: Reuters

विश्व फुटबॉल की अधिशासी संस्था फीफा के अध्यक्ष सेप ब्लाटर ने कतर में हो रहे मजदूरों के साथ बुरे बर्ताव पर यूरोपीय संसद की आलोचना से सहमति जताई है. इसके साथ ही ब्लाटर ने कहा है यूरोपीय कंपनियां भी इसके लिए जिम्मेदार हैं. 2022 के फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी की तैयारी कर रहे कतर में मजदूरों के साथ बुरा बर्ताव हो रहा है. मानवाधिकार संगठनों ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट में जिक्र भी किया है. कतर में हो रहे अमानवीय व्यवहार के बाद फीफा के ऊपर भारी दबाव है. साथ ही यूरोपीय संसद ने फीफा से आग्रह किया है कि वह ''कतर को साफ और कड़ा संदेश भेजे ताकि 2022 का विश्व कप अपने अंजाम पर आधुनिक गुलामों की मदद से ना पहुंचे.'' फीफा के अध्यक्ष ब्लाटर ने कहा, "हां, हमें देखना पड़ेगा कि क्या हुआ है.''

हालांकि उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यूरोप की बड़ी कंपनियां कतर में काम कर रही हैं. फ्रांस और जर्मनी ने कतर के लिए पैरवी की थी ताकि कतर को मेजबानी मिले, ''बहुत सारे आर्थिक हितों की वजह से.'' ब्लाटर ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि इन दोनों देशों के प्रमुखों को इस स्थिति के बारे में अपने विचार पेश करने चाहिए. और यह कह देना बेहद आसान है कि 'सारी जिम्मेदारी फीफा की है'. नहीं, नहीं.'' ब्लाटर ने इस दौरान 2022 के कतर विश्व कप को नवंबर या दिसंबर में कराने के बारे में भी बात की है. विश्व कप के कैलेंडर के मुताबिक टूर्नामेंट जून और जुलाई के बीच होता है. कतर में इस दौरान प्रचंड गर्मी पड़ती है और विश्व कप फुटबॉल गर्मी के मौसम में होने वाला है. उन्होंने कहा, "हम सभी पक्षों से मशविरा कर रहे हैं. सोचा जा रहा है कि क्या साल के आखिर में टूर्नामेंट कराना मुमकिन हो सकता है." उनका कहना है कि यह उचित होगा कि टूर्नामेंट को साल के आखिरी पड़ाव में खेला जाए.

मजदूरों की हालत के लिए कौन जिम्मेदार

कतर में विश्व कप के आयोजकों ने भरोसा दिलाया है कि योजनाओं से जुड़ी कंपनियों पर दबाव बनाया जाएगा ताकि मजदूरों के कल्याण लिए मानकों का पालन हो. मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी अपनी ताजा रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक नई रिपोर्ट में वेतन, काम करने के खतरनाक हालात और बुरी परिस्थितियों में रहने जैसे मुद्दे शामिल हैं. 169 पन्नों की रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों के साथ 'जानवरों' की तरह व्यवहार किया जा रहा है. ब्राजील में अगले साल होने वाले विश्व कप के लिए उन्होंने कहा कि उष्णकटिबंधीय इलाकों में होने वाले कुछ मैचों को थोड़ा आगे किया जा सकता है. ताकि खिलाड़ियों को प्रचंड गर्मी और उमस से बचाया जा सके. ब्लाटर ने कहा वह अगले महीने फीफा की एक्जिक्यूटिव कमेटी की ब्राजील में होने वाली बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे. ब्लाटर के मुताबिक (किकऑफ टाइम) तय किए गए हैं लेकिन इन्हें अभी मंजूरी नहीं मिली है. ब्लाटर के मुताबिक यह बहुत अहम मुद्दा है.

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कतर में मजदूरों के साथ बुरा बर्तावतस्वीर: Getty Images

एए/एनआर (एएफपी,डीपीए)

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