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मध्यपूर्व से अल कायदा को करोडों डॉलर

६ दिसम्बर २०१०

अमेरिकी अधिकारी इस बात से काफी निराश हैं कि उनकी तमाम कोशिशों के बावजूद अल कायदा और दूसरे आतंकी संगठन मध्यपूर्व के देशों से करोड़ों डॉलरों की रकम हासिल करन में कामयाब रहे हैं. विकीलीक्स के जरिए सामने आया सच.

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तस्वीर: dpa

विकीलीक्स के जरिए प्रमुख समाचार एजेंसियों तक अमेरिकी विदेश मंत्रालय के लीक हुए केबल संदेशों से पता चला है कि अल कायदा, तालिबान और दूसरे आतंकवादी संगठनों तक धन पहुंचने से रोकने की अमेरिकी सरकार की कोशिश नाकाम साबित हुई है. पिछले दिसंबर में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के भेजे एक मेमो से साफ हुआ है है कि सउदी अरब और उसके पड़ोसी देशों के नागरिक कई आतंकवादी संगठनों के प्रमुख समर्थक हैं.

एक अमेरिकी अखबार में छपे केबल के मुताबिक,"सउदी अरब के अधिकारियों को ये समझाना एक गंभीर चुनौती है कि उनके देश से आतंकवादी संगठनों को मिल रहे पैसे को रोकना सबसे जरूरी काम है." इसी केबल में ये भी कहा गया है," सउदी अरब के दान देने वाले लोग दुनिया भर में सुन्नी आतकंवादियों के संगठनों के लिए सबसे बड़ी आमदनी का जरिया हैं." इलाके के दूसरे देशों के बारे में भी केबल में यही बात कही गई है. संयुक्त अरब अमीरात को इसमें सबसे निचले पायदान पर जबकि कतर को दान देने वाले देशों की कतार में सबसे ऊपर रखा गया है.केबल में कुवैत को पैसा पहुंचाने का प्रमुख रास्ता कहा गया है.

Wikileaks veröffentlicht Dokumente US Außenpolitik
परेशान अमेरिकातस्वीर: dapd

अमेरिका परेशान

इन खुलासों ने अमेरिका को परेशान कर रखा है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने विकीलीक्स की कड़ी आलोचना करते हुए दावा किया है कि सहयोगी देशों के साथ अमेरिकी रिश्तों पर इन खुलासों का कोई असर नहीं पड़ेगा. टाइम्स में छपे केबल में उन तरीकों की एक लंबी सूची भी है जिसके जरिए संदिग्ध आतंकवादी अपनी कार्रवाइयों के लिए पैसा जुटा रहे हैं. इनमें पिछले साल यमन में हुई बैंक डकैती, अफगानिस्तान में नशीली दवाओं के कारोबार और मक्का में सालाना तीर्थयात्रा को भी इसमें शामिल किया गया है.

हिलेरी क्लिंटन ने केबल में आतंकी संगठनों तक पैसा पहुंचने से रोकने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ती जगाने की बात कही है. टाइम्स के मुताबिक हिलेरी ने इस केबल में ये भी कहा है कि ये आतंकी संगठन अफगानिस्तान और पाकिस्तान की स्थिरता के लिए खतरा हैं. ये वही आतंकी संगठन हैं जो इन देशों में गठबंधन सेना को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

विदेश मंत्रालय के केबल में अल कायदा को मध्यपूर्व देशों के अमीर लोगों और सहानुभूति रखने वाले गुटों से पैसा मिलने की बात कही है. इसके साथ ही इस बात का भी जिक्र है कि इन संगठनों को अमेरिका या यूरोप के देशों से भी बड़ी सहायता मिलने के कुछ सबूत मिले हैं. ब्रिटेन के एक अधिकारी ने अमेरिकी ट्रेजरी विभाग से कहा है कि ब्रिटेन से पैसा मिलने की खबर अहम है लेकिन ज्यादातर रकम मध्य पूर्व के देशों से ही आ रही है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः आभा एम

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