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मरे हुए परिंदों को जिंदा करने वाला जादूगर

२० जुलाई २०१६

क्या आपने कभी सोचा है कि मरे हुए पक्षियों को किस तरह से भर कर उन्हें फिर से जिंदा जैसा बना दिया जाता है? रॉबर्ट श्टाइन को इस काम के लिए कई बार विश्व चैंपियन के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.

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तस्वीर: O. Maltseva/AFP/Getty Images

बर्लिन का म्यूजियम ऑफ नेचुरल साइंस दुनिया के सबसे बड़े डायनासोर कंकाल के लिए जाना जाता है. इसके अलावा यहां और भी तीन करोड़ महत्वपूर्ण संग्रह मौजूद हैं. पशु पक्षियों के स्पेसिमेन को यहां इस तरह संभाल कर रखा जाता है कि लगे जैसे वे जिंदा हैं. यह काम अपने आप में विज्ञान भी है और कला भी.

यहां काम करने वाले रॉबर्ट श्टाइन अपनी विधा में दुनिया के बेहतरीन पशु संरक्षक माने जाते हैं. वे जानवरों का मॉडल इस तरह बनाते हैं कि वह एकदम असली लगता है. खासकर उनकी कला पक्षियों के संरक्षण में दिखती है. यह ऐसा अजीबोगरीब पेशा है जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं.

वह बताते हैं, "टैक्सीडर्मिस्ट का पेशा बहुत से पेशों का मिलाजुला रूप है. पैथोलॉजिस्ट का क्योंकि हम पशुओं का डायसेक्शन करते हैं, स्कल्पटर का क्योंकि हम उनका मॉडल बनाते हैं, और रचनात्मकता तो है ही क्योंकि हम उसका स्वरूप तय करते हैं. ये मेरे लिए भी बहुत दिलचस्प है और मुझे बहुत पसंद है."

यहां जितने भी जानवरों और परिंदों को संभाल कर रखा गया है, उन सभी की स्वाभाविक मौत हुई थी. इन्हें बनाने के लिए सबसे पहले पक्षी को अंदर से साफ किया जाता है. मांस को पूरी तरह निकाल दिया जाता है नहीं तो वह बाद में सड़ने लगता है. लेकिन हड्डियां और खोपड़ी बचा ली जाती है. स्केच के जरिये रॉबर्ट श्टाइन माप लेते हैं और फिर चमड़े और पंखों की सफाई करते हैं. वे इन पक्षियों को एकदम असली दिखाना चाहते हैं. ठीक वैसा ही जैसे कि वे तुरंत जिंदा हो उठेंगे और अभी उड़ने लगेंगे.

जब सारे पुर्जे जोड़ दिए जाते हैं तभी पता चलता है कि पंछी का पुनर्जन्म कर पाना कामयाब हुआ या नहीं. श्टाइन कहते हैं, "पक्षी को तैयार करते समय जब उसे अपनी आंखें मिलती हैं तो वह अपना पूरा रूप हसिल करता है. ये ऐसी घड़ी होती है जब आप कहते हैं कि ये वाकई खूबसूरत बना है. यही पल आपको अपार खुशी देता है." अंत में वे पक्षी की मुद्रा और पंखुड़ियों का रुख तय करते हैं और पंख लगाते हैं. अक्सर वे पक्षी को घंटों सजाते रहते हैं ताकि वे जीवंत लगें.

रॉबर्ट श्टाइन का यही मकसद है, पशु और पक्षियों को जीवित जैसा बनाना और इस चुनौती को पूरा करने में वे अपना पूरा हुनर लगा रहे हैं.

आईबी/वीके