1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मलेशिया के पीएम का व्यंग्य चित्र वायरल

१ अप्रैल २०१६

मलेशिया और सोशल मीडिया की दीवारों में इन दिनों प्रधानमंत्री नजीब रजाक का एक जोकर नुमा चित्र वायरल हो रहा है. इसे प्रधानमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते बनाया गया है.

https://p.dw.com/p/1INVs
Twitter Punkclown in Malaysia
तस्वीर: Twitter/AFP/ by Fahmi Reza

चित्र मलेशिया के डिजाइनर और एक्टिविस्ट फहमी रजा ने बनाया है. उनकी तुलना स्ट्रीट आर्ट के पुरोधा एक्टिविस्ट बांक्सी से ​की जाने लगी है. इस चित्र को सोशल ​मीडिया पर बहुत ज्यादा शेयर किया गया है. साथ ही इसके पोस्टर और स्टीकर्स भी मलेशिया की दीवारों पर बेतहाशा चिपकाए जा रहे हैं. और अब इसकी कई किस्म की नकलें भी बनाई जाने लगी हैं.

फहमी रजा के ​इस चित्र ने प्रधानमंत्री नजीब पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और जांच को विफल करने की उनकी कोशिश के खिलाफ मलेशिया में उबाल ला दिया है. अपनी एक विदेश यात्रा के दौरान ईमेल के जरिए लिए गए एक साक्षात्कार में फहमी ने ​कहा है, ''हमारा देश मूर्खों और बदमाशों द्वारा चलाया जा रहा है. मैं मलेशिया की राजनीति के पाखंड और फूहड़ता पर चित्र बनाकर चाहता हूं कि लोग इस पर हंस सकें.''

लेकिन दूसरी ओर मलेशियाई अधिकारी इससे खुश नहीं हैं. पहले भी अपने एक्टिविज्म के चलते गिरफ्तार किए जा चुके 38 साल के फहमी पर पुलिस ने उनके इन व्यंग्यात्मक चित्रों के लिए सवाल उठाए हैं और कहा कि वे प्रधानमंत्री के ऐसे मजाकिया चित्र पोस्ट करना बंद करें. इन चित्रों में नजीब को भयानक भौंहों वाले जोकर की तरह दिखाया गया है जिसके खून जैसे लाल रंग के होंठ हैं.

फहमी का कहना है कि पुलिस उन पर मल्टीमीडिया कानूनों के संभावित उल्लंघन की जांच कर रही है और उन्हें इसके लिए 5 साल की जेल हो सकती है. पिछले साल मलेशिया के एक राजनीतिक कार्टूनिस्ट पर सरकार पर कटाक्ष करने के ​चलते ढेर सारे राजद्रोह के मुकदमे दायर किए गए थे. वकीलों का कहना है कि इसके तहत उन्हें 43 सालों के लिए जेल हो सकती है.

फहमी कला को अपना हथियार बताते हैं और कहते हैं, ''वे एक बागी को जेल में डाल सकते हैं लेकिन बगावत को नहीं.''

प्रधानमंत्री नजीब, एक सरकारी कंपनी से अरबों डॉलर की चोरी के आरोप से जूझ रहे हैं जिसके लिए वे जिम्मेदार थे. साथ ही उन पर देश के बाहर 6810 लाख डालर का गुप्त भुगतान करने की बात स्वीकारने का भी दबाव है. हालांकि वे इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं. लेकिन इस मामले में सरकार के आलोचकों और मीडिया के दमन के साथ ही उनकी ओर से जांच को प्रभावित करने की कोशिशों के चलते उनके खिलाफ गुस्सा और अधिक भड़क गया है.

फहमी के चित्रों की नकल न केवल सोशल मीडिया में ​बल्कि सार्वजनिक जगहों में भी चिपकाई जा रही हैं. हालांकि पुलिस इन्हें उतार दे रही है. ​सरकार की ओर से भी इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए सोशल मीडिया पर #RespectMyPM का अभियान चलाया गया है. लेकिन इसके जवाब में #SuspectMyPM का एक नया अभियान ​ट्वीटर में दिखाई दिया है.

आरजे/एमजे (एएफपी)