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मलेशिया को हराने में भारत का पसीना बहा

६ अक्टूबर २०१०

कॉमनवेल्थ गेम्स के हॉकी मुकाबलों में भारत ने अपने पहले मैच में मलेशिया को 3-2 से हरा तो दिया लेकिन इस जीत के लिए उसे काफी संघर्ष करना पड़ा. एक समय भारतीय टीम मलेशिया से एक गोल से पिछड़ रही थी.

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संदीप सिंहतस्वीर: UNI

धनंजय महाड़िक ने 27वें मिनट में और संदीप सिंह ने 35वें मिनट में गोल किए जबकि भरत चिक्कारा ने मैच खत्म होने से तीन मिनट पहले तीसरा और निर्णायक गोल कर टीम की जीत पक्की कर दी. वहीं मलेशिया के लिए हनाफी हफीफीहाफिज (15वें मिनट) और अजलान मिसरोन (34वें मिनट) ने गोल किए लेकिन आखिर में भारतीय टीम का पलड़ा भारी रहा.

मैच की शुरुआत धीमी थी और दोनों टीमों ने व्यवस्थित होने में समय लगाया लेकिन धीरे धीरे खेल ने गति पकड़ ली. भारत ने शुरू से ही रणनीतिक खेल पर जोर दिया हालांकि रक्षात्मक पंक्ति में कई बार दरार साफ नजर आई. भारतीय खिलाड़ियों ने गेंद को अपने पास रखने पर जोर दिया क्योंकि मिडफील्डर और फॉरवर्ड गोल करने के लिए ज्यादा उत्सुक नजर नहीं आए.

विश्व हॉकी में मलेशिया का स्थान भले ही 25वां हो लेकिन पहले हाफ में उसके खेल ने साबित कर दिया कि उसे हल्के में तो कतई नहीं लिया जा सकता. मलेशिया ने भारत की रक्षा पंक्ति को भेदने के कई प्रयास किए और आखिरकार उसे सफलता भी मिली. मलेशिया को शुरुआती बढ़त मिल गई जिससे ध्यानचंद स्टेडियम में सन्नाटा छा गया.

एक गोल से पिछड़ने से हैरान भारतीय टीम ने ताबड़तोड़ हमले किए लेकिन फॉरवर्ड कायदे से उन मौकों को गोल में तब्दील नहीं कर पाए. भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर 22वें मिनट में मिला लेकिन वह गोल करने में नाकाम रहा. भारतीय टीम ने मैच के 27वें मिनट में बराबरी की जब महाड़िक ने दूसरे पेनल्टी कॉर्नर से गोल कर दिया.

सात मिनट बाद ही मलेशिया मिसरोन के गोल के सहारे एक बार फिर आगे हो गया. लेकिन भारत ने पहले हाफ के आखिरी क्षणों में 2-2 की बराबरी कर ली. तीसरा गोल अगले हाफ में हुआ और भारतीय टीम ने 3-2 से मैच अपने नाम किया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: उ भट्टाचार्य