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महीने बाद आया कश्मीर पर मोदी का संदेश

१० अगस्त २०१६

भारतीय संसद में कश्मीर के तनावपूर्ण हालात पर इस सत्र के दौरान चौथी बार चर्चा हुई. एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कश्मीर पर बयान देने के बाद विपक्षी नेताओं ने राज्यसभा में चर्चा की मांग की थी.

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Indien Kashmir Srinagar Premierminister Narendra Modi
तस्वीर: Reuters/D. Ismail

विपक्षी नेताओं की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि कश्मीर पर प्रधानमंत्री ने संसद को नजरअंदाज किया है. राज्‍य सभा में चार घंटे तक चली बहस के दौरान कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, "इससे पहले भी सदन में कश्‍मीर के हालात और दलितों के बढ़ते उत्‍पीड़न की घटनाओं को लेकर चर्चा हुई है, लेकिन प्रधानमंत्री ने कभी भी सदन में इस पर बयान नहीं दिया, बल्कि मध्‍यप्रदेश में वे कश्‍मीर के हालात पर बोले." राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कश्मीर पर चर्चा कराने के लिए सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को धन्‍यवाद दिया और "किसी मुद्दे पर एक महीने के सत्र में चौथी बार चर्चा होने" को ऐतिहासिक बताया.

एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कश्मीर पर दिए अपने पहले सार्वजनिक बयान में कश्मीरवासियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील की. पिछले एक महीने से कश्मीर में हिंसा और विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है. जनता दल युनाइटेड के नेता शरद यादव ने कहा कि कश्मीरियों का दिल जीतने के प्रयास करने चाहिए, वैसे ही जैसे सरदार पटेल ने भारत भर में किया था. यादव ने पैलेट गनों का विकल्प ढूंढे जाने की मांग जोर शोर से उठाई और इसकी मार को किसी की जान लेने से भी बुरा बताया.

Indien Kashmir Srinagar Premierminister Narendra Modi
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Mustafa

8 जुलाई को भारतीय कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जगह जगह प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पें होती रही हैं. भारतीय सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बुरहान वानी की मौत हुई. घटना के बाद से कश्मीर घाटी में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं और आम जनजीवन ठप है. सैनिक कार्रवाई में अब तक कम से कम 55 आम लोग और दो पुलिसकर्मी मारे गए हैं और हजारों लोग गंभीर रूप से घायल हैं.

मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीरियों से शांति बनाए रखने की अपील की लेकिन जम्मू-कश्मीर सरकार में अपनी सहयोगी पार्टी के सुझाव का जिक्र नहीं किया. पीडीपी ने सुझाया है कि घाटी के अलगाववादी नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया जाए. मोदी ने कहा, "कुछ लोग कश्मीर में विकास के बजाए तबाही चाहते हैं." मोदी ने कहा कि कश्मीरी भी वैसे ही स्वतंत्र हैं जैसे देश के बाकी हिस्सों के लोग और सरकार उनकी मुश्किलें कम करने की ओर कार्यरत है.

कश्मीर में विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कि मोदी को समझना चाहिए कि घाटी की समस्याएं विकास की कमी नहीं बल्कि कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में केंद्र की अनिच्छा है. अब्दुल्ला की पार्टी कहती आई है कि कश्मीर में राजनैतिक समस्या है, केवल कानून व्यवस्था ही मुद्दा नहीं है. इसे हल करने के लिए वे सभी पक्षों को साथ लेकर बातचीत किए जाने की मांग करते हैं.

केंद्र में विपक्षी दल कश्मीर पर इतनी लंबी चुप्पी साधे रहने के लिए मोदी की आलोचना कर रहे हैं. विपक्ष ने मांग की है कि वे सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाएं और कश्मीर समस्या के समाधान पर के लिए अपने अपने सुझाव पेश करें. भारत कश्मीर में समस्याएं पैदा करने का आरोप पड़ोसी देश पाकिस्तान पर लगाता आया है. वहीं पाकिस्तान कश्मीरियों को केवल नैतिक और राजनैतिक समर्थन देने की बात करता है लेकिन किसी तरह की सीधी दखलअंदाजी की नहीं.

भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर ने राजधानी दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित तलब कर कश्मीर में घुसपैठ के लिए विरोध जताया है. भारत और कश्मीर में जगह जगह हमले करने की योजना के साथ पाकिस्तानियों को ट्रेनिंग देकर भेजने के आरोप हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले महीने कश्मीर में गिरफ्तार हुए एक पाकिस्तानी से पता चला है कि उन्हें प्रतिबंधित संगठन लश्कर ए तैयबा ने ट्रेनिंग देकर भारत में सुरक्षा बलों और दूसरों पर हमला करने भेजा था.

आरपी/एमजे (पीटीआई,एपी)