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मानव बस्तियां अंतरिक्ष में बसेः हॉकिंग

१० अगस्त २०१०

जाने माने अंतरिक्ष वैज्ञानिक स्टीफेन हॉकिंग का मानना है कि मानव जाति को अगर अपने आप को बचाकर रखना है तो उसे पृथ्वी छोड़ना होगा और अंतरिक्ष में बस्तियां बसानी होंगी. हॉकिंग ने इसके लिए नुस्खे सुझाए हैं.

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प्रयोग के दौरान हॉकिंगतस्वीर: AP/Zero Gravity Corp.

ब्रह्मांड की उत्पत्ति पर अपने विचारों और सिद्धांतों के बाद स्टीफेन हॉकिंग पृथ्वी और मनुष्यों की परेशानियों की ओर रुख कर रहे हैं. उनका कहना है कि अंतरिक्ष में बसना मानवता की परेशानियों को सुलझाने का एकमात्र उपाय है. हॉकिंग कहते हैं कि मानव जाति को सारे विकल्प ढूंढने चाहिएं. वह कहते हैं, "मानव जाति को अगर लंबे समय तक बने रहना है तो हमें पृथ्वी के अलावा अंतरिक्ष में भी बस्तियों के विकल्प खोजने होंगे."

Brauner Zwerg
तस्वीर: NASA/JPL

उनका कहना है कि आने वाले दिनों में कई ऐसी घटनाएं होंगी, जिससे मानवजाति के अस्तित्व को खतरा हो सकता है. जिस तरह 1962 में क्यूबा के मिसाइल संकट से हुआ था. शीत युद्ध के दौरान क्यूबा में मिसाइलों को लेकर रूस और अमेरिका के बीच तनाव पैदा हो गया था और परमाणु लड़ाई होने तक बात पहुंच गई थी.

हॉकिंग कहते हैं कि अब हम इतिहास के बहुत ही खतरनाक मोड़ के करीब आ रहे हैं. उनके मुताबिक, "हमारी जनसंख्या और पृथ्वी के सीमित संसाधनों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. पर्यावरण को बदलने की भी हमारी क्षमता बढ़ रही है. अगर हमें मानवजाति को अगले दशक के बाद भी जिंदा रखना है तो हमें अपना भविष्य अंतरिक्ष में खोजना होगा." हॉकिंग इसलिए अंतरिक्ष यात्राओं में मनुष्यों को भेजने के पक्ष में हैं.

कुछ दिनों पहले एक टेलीविजन कार्यक्रम में हॉकिंग ने चेतावनी दी थी कि मानवजाति को हर हालत में एलियंस यानी अंतरिक्ष में और दूसरे ग्रहों के संभावित बाशिंदों या जीवों से बचना चाहिए. कुछ वैज्ञानिकों का मत है कि दूसरे ग्रहों पर भी जीवन है और वहां कुछ प्राणी रहते हैं. हालांकि विज्ञान अब तक इस पर मुहर नहीं लगा पाया है.

Stephen Hawking Rede
तस्वीर: AP

स्टीफेन हॉकिंग का नाम आइजक न्यूटन और अलबर्ट आइंसटीन के बाद दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में गिना जाता है. 1942 में ऑक्सफर्ड में पैदा हुए हॉकिंग 21 साल की उम्र में नसों की घातक बीमारी का शिकार हो गए, जिससे उनके बोलने, चलने और यहां तक की आम आदमी की तरह रहने की क्षमता चली गई. उनकी पहली किताब ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम में उन्होंने अंतरिक्ष के मूल शक्तियों की बात लिखी है. उनका अनुमान है कि अतंरिक्ष की न कोई शुरुआत है और न ही कोई अंत.

रिपोर्टः एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन

संपादनः ए जमाल