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माराडोना से मेसी तक

५ जुलाई २०१४

वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना के समर्थक गीत गा रहे हैं, "1986 की ही तरह"... उस साल डिएगो माराडोना ने लगभग अकेले दम पर अर्जेंटीना को वर्ल्ड कप जिता दिया. इस बार दर्शकों को उम्मीद है कि यह करिश्मा लायोनल मेसी कर सकते हैं.

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तस्वीर: DANIEL GARCIA/AFP/Getty Images

अर्जेंटीना ने 1986 में वर्ल्ड कप जीता था और फाइनल में योर्गे वलडानो ने गोल किया. उनका कहना है, "मेसी भी माराडोना बनने की राह पर है". लेकिन गौर से देखने पर 1986 और 2014 की टीमों में समानता से ज्यादा अंतर दिखता है.

इस वक्त टीम बहुत फेवरेट नहीं थी लेकिन इस बार मेसी की वजह से टीम से बहुत उम्मीद की जा रही है. लेकिन माराडोना के वक्त की टीम अभी की टीम से मजबूत समझी जाती है. वोलडानो के अलावा बुरुकांगा, ऑस्कर रुगेरी, सर्गियो बाटिस्टा और रिकॉर्डो गियूस्टी भी टीम में थे. अभी की टीम में मेसी ही मेसी दिखते हैं. उनके अलावा सिर्फ एंगेल डी मारिया की चर्चा होती है. 28 साल पहले टीम का मिडफील्ड जबरदस्त था, आज वैसा नहीं.

उस वक्त के मिडफील्डर हेक्टर एनरिक का कहना है, "डियागो ने टीम का विश्वास बहुत बढ़ाया था, वह शानदार मिसाल थी. हमें पता था कि हम उसकी तरह तो नहीं खेल सकते लेकिन उसकी मानसिकता के साथ तो उतर ही सकते थे." मेसी भी कप्तानी कर रहे हैं लेकिन नेतृत्व के मामले में उनमें वह बात नहीं दिखती.

खेल का तरीका भी बदला है. इस विश्व कप में ज्यादा आक्रामक खेल हो रहा है, जबकि माराडोना की टीम 4-3-1-2 के हिसाब से खेलती थी. अब अर्जेंटीना को बेल्जियम से खेलना है और मेसी की टीम के लिए यह कोई आसान मैच नहीं क्योंकि उसकी तरह बेल्जियम ने भी इस टूर्नामेंट में अब तक के अपने सारे मैच जीते हैं.

एजेए/एएम (डीपीए)