मिट्टी पर पिट गए वावरिंका
२७ मई २०१४ऑस्ट्रेलियाई ओपन के बाद तीसरी वरीयता प्राप्त वावरिंका ने मोंटे कार्लो में भी जीत हासिल की और समझा जा रहा था कि लाल मिट्टी पर भी उनकी जीत होगी. लेकिन गुइलेरमो गार्शिया लोपेज ने उन्हें 6-4, 5-7, 6-2, 6-0 से पराजित कर बाहर कर दिया. मैच में वावरिंका ने 61 बार लापरवाही की गलती की.
मैच के बाद निराश दिख रहे वावरिंका ने कहा, "यह बिलकुल अच्छा नहीं था. मैं बार बार लय में लौटना चाह रहा था. लेकिन अब मुझे लगता है कि मुझे थोड़ा ब्रेक लेना चाहिए और समझना चाहिए कि गलती कहां हुई." उन्होंने स्पेनी खिलाड़ी की तारीफ की, "वह निश्चित तौर पर एक अच्छे खिलाड़ी हैं. लेकिन गलती मेरी तरफ से हुई. मुझे रास्ता नहीं सूझ रहा था और यह बहुत अजीब था. मुझे बहुत निराशा हुई है."
मिट्टी का कोर्ट अलग
फ्रेंच ओपन मिट्टी पर खेला जाता है और ज्यादातर शीर्ष टेनिस खिलाड़ियों के लिए यहां जीत हासिल करना टेढ़ी खीर होती है. अपवाद के तौर पर स्पेन के रफाएल नाडाल यहां लगातार सफल साबित होते रहे हैं. पिछली बार 1992 में अमेरिका के जिम कूरियर ने एक ही साल में ऑस्ट्रेलियाई ओपन और फ्रांसीसी ओपन टेनिस जीता था. इसके बाद से यह कारनामा कोई खिलाड़ी नहीं कर पाया है.
वावरिंका ने कहा, "मैं सच में दुखी हूं लेकिन अब मैं इसे बदल नहीं सकता हूं. मुझे इसे स्वीकार करना है और भविष्य के बारे में सोचना है. हर चीज खराब थी लेकिन क्या कर सकते हैं."
आगे की सोच
अगला ग्रैंड स्लैम लंदन में हरी घास पर खेला जाएगा और वावरिंका उसकी तैयारी करना चाहते हैं, "घास पर खेलने का समय आ रहा है और इस साल में अभी बहुत कुछ बचा हुआ है. लेकिन फिर भी मेरे पास इस बात का उत्तर नहीं है कि यहां क्या हुआ."
पहले सेट में ही गार्शिया लोपेज ने दो बार वावरिंका की सर्विस तोड़ कर 36 मिनट में जीत हासिल कर ली. दूसरे सेट में भी मुकाबला बहुत कड़ा था पर टाई ब्रेकर में स्विट्जरलैंड के वावरिंका ने किसी तरह वापसी की. पर इसके बाद मैच पर से उनकी पकड़ खत्म हो गई और अगले दो सेट वह हार गए.
वावरिंका को पांच सेट का खिलाड़ी बताया जाता है. लेकिन इस मैच में वह ज्यादा कुछ नहीं कर पाए और चौथे सेट में एक भी गेम नहीं जीत पाए.
एजेए/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)