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मुंबई की आदर्श सोसाइटी गिराने के आदेश

१६ जनवरी २०११

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने आदर्श सोसाइटी की 31 मंजिला बिल्डिंग को गिराने की सिफारिश की है. मंत्रालय के मुताबिक घोटाले में फंसी मुंबई के पॉश इलाके की यह बिल्डिंग नियमों को तोड़कर बनाई गई है.

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तस्वीर: UNI

मुंबई के पॉश इलाके कोलाबा की आदर्श सोसाइटी पिछले साल चर्चा में आई. आरोप लगे कि करगिल शहीदों के नाम पर मिली जमीन पर बड़े अफसरों और नेताओं ने अपने रिश्तेदारों को फ्लैट बांटे. जब इस बारे में जांच हुई तो पता चला कि बिल्डिंग को पर्यावरण मंत्रालय की सही मंजूरी नहीं मिली है. अब अपने आदेश में पर्यावरण मंत्रालय ने कहा है, "अवैध तरीके से बनाया गया यह ढांचा पूरी तरह हटा देना चाहिए. इस क्षेत्र को पूर्व स्थिति देनी चाहिए."

मंत्रालय ने सोसाइटी से कहा है कि वह तीन महीने के भीतर खुद ही ढांचा गिरा दे. ऐसा नहीं होता है तो पर्यावरण मंत्रालय खुद कार्रवाई करने पर मजबूर होगा. अपने आदेश में मंत्रालय ने पर्यावरण सुरक्षा कानून का हवाला दिया है.

क्या कहा जयराम रमेश ने

मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी किए एक बयान में पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा, "आदर्श कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइट ने कोस्टल रेग्युलेशन जोन की भावना का उल्लंघन किया है. उसने 1991 में जारी किए गए नोटिफिकेशन के तहत मंजूरी लेने की जरूरत भी नहीं समझी. कानून की जानकारी न होना किसी भी तरह से अपराध को कम नहीं कर सकता."

मंत्रालय की तरफ से इस जमीन के इस्तेमाल के लिए कुछ सुझाव भी दिए गए हैं. इनमें कहा गया है कि जमीन का इस्तेमाल किसी सार्वजनिक काम के लिए किया जा सकता है.

मंत्रालय के आदेश का पालन करने के लिए स्थानीय अथॉरिटी एमएमआरडीए विस्फोट की विशेष तकनीक का इस्तेमाल कर सकती है जिसके जरिए बड़े भवनों को गिराया जाता है.

भारतीय अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक आदर्श सोसाइटी के सदस्यों ने कहा है कि वे इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे और बिल्डिंग को गिरने नहीं देंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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