मुंबई हमलों के बाद चेन्नई में सैकड़ा सर्वश्रेष्ठ: सचिन
२८ मई २०१०मुंबई के एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे तेंदुलकर ने बताया, "यह उस टेस्ट मैच की बात नहीं बल्कि दो हफ्ते पहले हुई घटना से जुड़ी बात है. वो घटना जो मुंबई में हुई. उन हालात में टेस्ट मैच के लिए तैयार होना बेहद मुश्किल था. इंग्लैंड की टीम भी यहां आकर खेलने के लिए तैयार हुई जिसके लिए उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए."
तेंदुलकर कहते हैं कि मुंबई हमले के बाद देश में गमगीन माहौल था और हर तरह की बातें हो रही थी. फिर अचानक ध्यान मैच पर केंद्रित हो गया. पहले 4 दिन तक इंग्लैंड ने मैच में अपना दबदबा बनाए रखा लेकिन वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की बदौलत मैच में भारतीय टीम की वापसी हुई.
"आम तौर पर जब आप मैच जीतते हैं तो मैदान पर काम करने वाले लोग (ग्राउंड्समैन) हमें दौड़ कर बधाई देते हैं. लेकिन उस दिन महिलाएं भी (ग्राउंड्सवीमैन) भी हमें बधाई देने के लिए आईं. यह इसलिए था क्योंकि जो कुछ भी हुआ उसने देश को एक कर दिया था."
तेंदुलकर मानते हैं कि एक टेस्ट मैच जीतने से उन लोगों की जिंदगी वापस नहीं आ सकती जो हमले में जान गंवा चुके हैं. लेकिन भारतीय टीम लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने में सफल रही. इसलिए तेंदुलकर ने बिना लागलपेट कहा कि चेन्नई में खेले टेस्ट में लगाए शतक को वह अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ शतक मानते हैं.
दिसम्बर 2008 में चेन्नई में खेले गए टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 316 रन बनाए लेकिन भारतीय टीम 241 रन पर ही सिमट गई. दूसरी पारी में इंग्लैंड ने 9 विकेट पर 311 रन बनाकर पारी घोषित कर दी और भारत के सामने 387 रन का लक्ष्य रखा.
गौतम गंभीर ने 66 रन और वीरेंद्र सहवाग ने 83 रन बनाकर भारतीय पारी को शानदार शुरुआत दी. तेंदुलकर ने नाबाद 100 रन की यादगार पारी खेलकर भारतीय टीम को 6 विकेट से जीत दिला दी. युवराज सिंह ने 85 रन बनाकर तेंदुलकर का बखूबी साथ दिया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा मोंढे