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'मुझे इंसाफ नहीं मिला है'

२८ मई २०१४

पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने अपने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर उन्हें मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. डीडब्ल्यू को उन्होंने बताया कि वह धमकियों के बावजूद अपना काम करते रहेंगे.

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तस्वीर: AAMIR QURESHI/AFP/Getty Images

हामिद मीर पाकिस्तान में जाने माने टीवी एंकर और पत्रकार हैं. 19 अप्रैल को कराची में मीर पर गोली चलाई गई. इसके बाद मीर और उनके भाई ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस यानी आईएसआई को इसका जिम्मेदार ठहराया. हामिद मीर जियो टीवी के लिए काम कर रहे थे. डीडब्ल्यू के साथ बातचीत में हामिद मीर ने बताया कि वह अपने दावे पर पूरा विश्वास करते हैं और आईएसआई एक ऐसा संगठन है जो "राष्ट्र के भीतर राष्ट्र" जैसा काम करता है.

मीर पर हमला करने वालों के खिलाफ अब तक पाकिस्तानी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है. "कराची में मुझ पर हमला हुए पांच हफ्ते हो गए हैं लेकिन जहां तक मुझे पता है, किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. शुरुआत में सुरक्षाकर्मियों ने हमें बताया कि वह हमलावरों को बहुत जल्दी पकड़ने वाले थे. फिर कराची में मुझे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ बातें थीं जिनकी वजह से वह उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाए."

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हामिद मीर ने ओसामा बिन लादेन का 2001 में इंटरव्यू किया थातस्वीर: picture-alliance/dpa

हामिद मीर का कहना है कि उनके पत्रकार दोस्तों से उन्हें पता चला कि पुलिस ने कुछ लोगों पर हमले का झूठा इल्जाम लगाने की कोशिश की लेकिन उनकी योजना असफल रही. मीर का मानना है कि मामला वैसे इतना जटिल नहीं है. उन पर हमला कराची एयरपोर्ट पर हुआ और यह इलाका वैसे काफी सुरक्षित है. हमले के दिन आसपास कोई सिपाही नहीं थे और उनकी गाड़ी का कुछ बंदूकधारियों ने पीछा किया. अब इस मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है, लेकिन क्या टीम निष्पक्ष जांच कर पाएगी, इस सवाल का जवाब अभी नहीं मिला है.

जियो टीवी के बारे में मीर कहते हैं कि उन्होंने चैनल के अधिकारियों को हमले से पहले लिखा था कि आईएसआई के कुछ लोग उनके शो से नाखुश थे. मीर ने बलूचिस्तान में लापता लोगों और मुशर्रफ पर कानूनी कार्रवाई के बारे में बहस की थी. मीर ने अपने चैनल को यह भी बताया कि आईएसआई प्रमुख जहीरुल इस्लाम इससे नाराज थे और अगर कोई उन्हें मारने की कोशिश करे, तो इसके पीछे आईएसआई का हाथ होगा.

कई प्रतिबंधों के बाद जियो टीवी को केबल ऑपरेटर अपने कार्यक्रम से निकाल रहे हैं. अब जियो आईएसआई के साथ समझौता करने की कोशिश कर रहा है.

क्या अभिव्यक्ति की आजादी की लड़ाई यहीं खत्म होती है? मीर कहते हैं कि जियो ने तो केवल उन पर हमले की खबर के प्रसारण के लिए माफी मांगी है और उस पर बहुत ज्यादा दबाव था, "जियो पर पीछे हटने के लिए बहुत दबाव था. लश्कर ए तैयबा जैसे प्रतिबंधित संगठन उसके खिलाफ रैलियां आयोजित कर रहे थे."

जियो चैनल ने मीर के दावे का समर्थन किया है जिसके बाद से जियो पर पाकिस्तानी सरकार ने कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. जियो टीवी चैनल के प्रसारण को बंद भी किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार ने पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेग्युलेशन अथॉरिटी से कहा है कि वह जियो टीवी के प्रसारण लाइसेंस को रोक दे. चैनल के खिलाफ ईशनिंदा के आरोप लगे हैं. क्या पाकिस्तानी सेना और आईएसआई जियो टीवी को "माफ" करेंगे, यह नहीं पता लेकिन मीर कहते हैं, "मैं तो बस यही जानता हूं कि मुझ पर छह बार गोलियां चलाई गईं. मैं अब भी बिस्तर पर लेटा हुआ हूं और मुझे इंसाफ नहीं मिला है."

रिपोर्टः इम्तियाज अहमद/एमजी

संपादनः आभा मोंढे