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मुरली ने रचा 800 विकेटों का महापुराण

ओंकार सिंर जनौटी (संपादनः ए कुमार)२२ जुलाई २०१०

श्रीलंका के महान स्पिनर मुरलीधरन का 800वां शिकार बने प्रज्ञान ओझा. अपने टेस्ट करियर का आखिरी और 800वां विकेट झटकते ही भावुक हुए मुरली. उन्हें भारत और श्रीलंका के खिलाड़ियों ने शानदार विदाई दी.

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तस्वीर: AP

गुरुवार को गॉल का स्टेडियम मुरली के सुरों में डूब गया. आखिरी दिन मुरली लाल कालीन पर चलकर मैदान के अंदर आए. 800 विकेट पूरे करने के लिए उन्हें मैच के आखिरी दिन दो विकेट लेने थे. 799वें विकेट के रूप में उन्होंने अपने दोस्त और ऑफ स्पिनर बिरादरी के खिलाड़ी हरभजन सिंह को विदाई दी.

लेकिन इसके बाद 800 के जादुई आकंड़े को छूने के लिए मुरली कुछ देर तक तरस गए. लंच ब्रेक हुआ तो श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे भी खुद को रोक नहीं पाए. गॉल के स्टेडियम में उन्होंने मुरली से मुलाकात की और स्मृति चिह्न भेंट किया.

Muttiah Muralitharan
तस्वीर: AP

बहरहाल लंच के बाद के खेल में वीवीएस लक्ष्मण रन आउट हो गए और एक विकेट यूं ही हवा में चला गया. ऐसे में सिर्फ एक विकेट बचा था, मुरली और 800 के आंकड़े के बीच में. दोनों टीमों के क्रिकेटप्रेमी दुआ करने लगे कि यह आखिरी विकेट मुरली को मिले. यही हुआ, दूसरी पारी का 45वां ओवर फेंकते हुए मुरली ने प्रज्ञान को आउट किया और क्रिकेट जगत का एक अद्भुत कीर्तिमान बना डाला.

ओज्ञा के आउट होते ही भारत की दूसरी पारी भी सिमट गई लेकिन इसमें किसी को हैरानी नहीं हुई. इसके बाद सभी भारतीय खिलाड़ी लाइन से मैदान पर खड़े हो गए, उनके सामने मेजबान खिलाड़ी थे और बीच में हाथ में लाल रंग की गेंद, आंखों में भावनाएं लिए मुरली थे, अद्भुत मुरली.

भारतीय टीम को भी खुशी है कि मुरलीधरन आखिरी टेस्ट उनके खिलाफ खेले. 1992 में टेस्ट करियर शुरू करने वाले मुरली का भारत से खास नाता भी रहा है. वह तमिल मूल के खिलाड़ी हैं और उनकी पत्नी भी भारतीय हैं.

Gautam Gambhir und Rahul Dravid
सबसे खतरनाक हैं मुरली: द्रविड़तस्वीर: AP

उम्र के 38वें पड़ाव पर पहुंच चुके इस खिलाड़ी को हमेशा उसकी आंखों के भाव, तिलस्मी फिरकी और उटपटांग बल्लेबाजी के लिए भी याद किया जाएगा. इतने लंबे करियर में ऐसे मौके भी आए जब उनका खेल दांव पर लगा. 1995 में ऑस्ट्रेलिया के दौर पर उन पर चकिंग का आरोप लगा. वैज्ञानिक तरीकों से जांच हुई और विनम्र खिलाड़ी के रूप में पहचाने जाने वाले मुरली की जीत हुई.

133 टेस्ट मैचों में 800 विकेट झटकने वाले मुरली की हमेशा शेन वॉर्न से तुलना होती रही. दोनों कट्टर प्रतिद्वंदियों के बीच रिकॉर्ड की होड़ लगी रही, लेकिन अंत में सुर मुरली ने ही सजाए. वॉर्न ने 145 मैचों में 708 विकेट झटके. वैसे मुरली को हमेशा ऑफ स्पिनरों के एक नया हथियार देने के भी याद किया जाएगा. 'दूसरा' नामकी गेंद सबसे पहले मुरली की कलाइयों से ही निकली.

श्रीलंकाई स्पिनर ने भले ही टेस्ट से संन्यास ले लिया हो, लेकिन वनडे में उनका सिक्का आगे भी चलता रहेगा. अब तक 515 विकेट झटक चुके मुरली अब टी-20 और वनडे ही खेलना चाहते हैं. उनका कहना है कि टेस्ट खेलना अब मेरे जैसे उम्रदराज खिलाड़ियों को थका देता है.

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