'मैं नहीं लौटूंगा, राहुल बने प्रधानमंत्री'
१८ अक्टूबर २०१०मुखर्जी सरकार के फैसलों में अहम किरदार हैं. उन्होंने रिटायरमेंट की बात ऐसे वक्त की है जब भारत दस फीसदी से ज्यादा विकास दर की बात कर रहा है. इंडिया टुडे पत्रिका से बातचीत में प्रणव मुखर्जी ने कहा, "हे भगवान, मैं 75 का तो हो चुका हूं. एक सीमा से आगे आप नहीं जा सकते. आप कब तक मुझे बनाए रखना चाहते हैं. मैं तो समय से ज्यादा अपने विकेट पर खड़ा हूं."
मुखर्जी ने चार दशक पहले संसद में अपना कदम रखा था और 1973 से कांग्रेस की हर सरकार में वे मंत्री रहे हैं. ये पूछे जाने पर कि क्या राहुल को कैबिनेट में आना चाहिए. उन्होंने कहा कि राहुल 'लोकप्रिय नेता' हैं, "लोग उन्हें पसंद करते हैं."
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस पार्टी की धीमे फैसले लेने के लिए आलोचना की जाती है. पार्टी में और बाहर से लगातार मांग बढ़ रही है कि नए चेहरे सरकार में आएं.
प्रणब मुखर्जी मनमोहन सरकार के अत्यंत अनुभवी मंत्री हैं और जब भी सरकार मुश्किल में आती है उन्हें सरकार के बचाव के लिए तैनात किया जाता है. बात गठबंधन के साथियों के साथ विवाद की हो, विदेश नीति की हो या मुद्रा स्फीति की.
रिपोर्टः रॉयटर्स/आभा एम
संपादनः महेश झा