1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मोदी मैजिक में सुषमा फंसी, मारा यू टर्न

२९ अक्टूबर २०१०

नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करने के तीन दिन बाद सुषमा स्वराज को अपने बयान से पलटना पड़ा है. अब सुषमा स्वराज कह रही हैं कि मीडिया ने उनकी बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया. सुषमा के मुताबिक उनके मोदी से मतभेद हैं ही नहीं.

https://p.dw.com/p/PrRG
तस्वीर: UNI

मोदी पर व्यंग्य कसने के बाद लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज को अपनी ही पार्टी के विरोधी सुरों का सामना करना पड़ा. गुजरात के मुख्यमंत्री ने पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी से कड़े शब्दों में सुषमा की शिकायत की. इसके बाद गडकरी वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के पास पहुंचे. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद सुषमा स्वराज के लिए एक कड़ा संदेश निकला. गडकरी ने सुषमा स्वराज से कहा कि वह कोई नुकसान पहुंचाने वाला बयान न दें.

पार्टी आलाकमान से सीधा संदेश मिलने के बाद सुषमा भी फौरन पलट गईं. पटना में उन्होंने कहा कि मीडिया में कुछ लोग उनके खिलाफ खबरें छाप रहे हैं. पार्टी को अपने यू टर्न का सबूत देते हुए उन्होंने कहा, ''मैंने तो इस बारे में मुंह तक नहीं खोला. मुझसे जानबूझकर बुलवाया गया.'' उन्होंने यह भी कहा कि मोदी और उनके बीच बहुत अच्छे संबंध हैं.

Sushma Swaraj und Shatrughan Sinha
तस्वीर: UNI

अपने बयान से उपजे विवाद के लिए उन्होंने कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया. सुषमा ने कहा, ''कोई शरारत कर रहा है. हो सकता है कि कुछ लोग कॉमनवेल्थ खेलों के भ्रष्टाचार से ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहे हैं. इसीलिए बीजेपी में विवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही है. मेरा कहना है कि इसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है.''

इससे पहले सुषमा स्वराज ने बिहार में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, ''मोदी का जादू और करिश्मा गुजरात में चल चुका है. यह जरूरी नहीं है कि हर किसी का जादू हर जगह चले. बचिहार में नीतीश कुमार और सुशील मोदी का जादू चल रहा है. हमें उम्मीद है कि विकास को आगे बढ़ाने के लिए हमारी जीत होगी.'' उनके इस बयान से बीजेपी के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी को खासी ठेस पहुंची. मोदी ने पार्टी अध्यक्ष को फोन घुमाया और साफ कहा कि ऐसे बयान की कोई जरुरत नहीं थी. मोदी ने दिल्ली के नेताओं को उनकी खिंचाई करने से बाज आने को भी कहा.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: आभा एम