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डिजिटल चाभी

५ जून २०१४

घर से बाहर निकलना हो तो चाभी और पर्स के अलावा सबसे ज्यादा जरूरत होती है मोबाइल की. अगर कभी ऐसा हो जाए कि इनमें से किसी की भी जरूरत न हो, सबका काम स्मार्ट फोन ही कर दे.

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तस्वीर: picture alliance/AFP Creative

जल्द ही मोबाइल टेलीफोन कई दरवाजों के लिए डिजिटल चाबी भी बन जाएगा. डार्मश्टाट के फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट फॉर सेक्यूर इंफॉरमेशन टेकनोलॉजी के आईटी एक्सपर्ट ने एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है जिससे मोबाइल को डिजिटल चाबी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा. इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर अहमद रजा सादेगी बताते हैं, "इसका खास फायदा इसकी फ्लेक्सिबिलिटी है. ये चाबी आप खुद बना सकते हैं. ये डिजिटल डाटा की तरह है, जिसे डिलीट किया जा सकता है या फिर से बनाया जा सकता है. ये कॉपी भी हो सकती हैं और किसी को दी भी जा सकती हैं. ऐसा सामान्य चाबी के साथ नहीं हो सकता."

कार शेयरिंग में इलेक्ट्रॉनिक चाबी कोई नई बात नहीं. इसमें ग्राहक को चाबी नहीं मिलती बल्कि डिजिटल चाबी की जानकारी वाली इमेल आती है. होटल में लोग रिसेप्शन पर स्मार्टफोन से डिजिटल चाबी अपलोड कर सकते हैं. दरवाजे के सामने लगाया, कि खुल जा सिम सिम. सादेगी के मुताबिक, "अगर मेरा मोबाइल गुम जाए, तो इस मुश्किल को कई तरीकों से हल किया जा सकता है. डिजिटल चाबी की कॉपी रखना एक उपाय है. मैं दूर से अपने मोबाइल या डिजिटल चाबी डिलीट भी कर सकता हूं और नए मोबाइल में नई चाबी डालने की संभावना तो है ही."

पोस्ट ऑफिस में भी पिन की जगह इलेक्ट्रॉनिक चाबी का इस्तेमाल हो सकता है. फिटनेस सेंटर या कंपनी के पार्किंग में भी अलग अलग चाबियों की जगह, मोबाइल में बस एक ऐप सारा काम कर देगा. एक खास चिप के साथ स्मार्टफोन बहुत नजदीक जाने पर ही डेटा ट्रांसफर करता है. इसलिए हैकर इसे आसानी से पकड़ नहीं सकते. ये वर्चुअल चाबियां एक सॉफ्टवेयर में बनाई जाती हैं. इन्हें कोई भी अपनी पसंद से डिजाइन कर सकता है. इससे आप तय कर सकते हैं कि आप कितने दिन तक चाबी का इस्तेमाल करना चाहते हैं- एक दिन, हफ्ता या एक महीना.

एक बार चाबी बन गई और अलॉट होने के बाद इसे किसी भी मोबाइल पर ऐप के जरिए डाला जा सकेगा. चाबी को ईमेल में भेजते वक्त उसे एन्क्रिप्ट किया जाता है इसलिए अनजान व्यक्ति इसे कॉपी नहीं कर सकते. एसआईटी की अलेक्सांड्रा दिमित्रियेंको कहती हैं, "अगर यूजर के पास चाबी है तो वह इसे किसी को भेज सकता है या मेंटेनेंस वालों को दे सकता है जो उसके अपार्टमेंट में जा सके. एसएमएस, इमेल या फिर बारकोड स्कैन के तौर पर ये चाबी किसी को भेजी भी जा सकती है."

फ्राउनहोफर संस्थान का आईटी सॉल्यूशन ज्यादा सुरक्षित है क्योंकि यह सेव किए कोड और सुरक्षा तकनीक पर निर्भर नहीं. किसी ताले को खोलने के लिए भेजी गई चाबी और ऐप, दोनों के डाटा की जरूरत होती है. सादेगी के मुताबिक, "जब आप ऐप डाउनलोड करते हैं तो चाबी आपके उपकरण और ऐप से जुड़ जाती है और इसी के साथ वह निजी भी हो जाती है."

शोधकर्ता आने वाले समय में डिजिटल चाबियां बनाना चाहते हैं जो दूसरे उपकरणों में भी इस्तेमाल हो सकें. स्मार्ट वॉच को भी चाबी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. यहां सिक्युर्ड कॉपी भी रखी जा सकती है. इन चाबियों की घड़ी से फोन में अदला बदली की जा सकती है. चाबी गुम जाना, ये कल की बात हो गई. आधुनिक दौर में अब चाबी भी डिजिटल हैं और इसके गुम हो जाने का डर भी नहीं.

रिपोर्टः मार्टिन रीबे/एएम

संपादनः मानसी गोपालकृष्णन