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म्यांमार में बाजार में बम मिला, माहौल अशांत

९ नवम्बर २०१०

म्यांमार के सरकारी मीडिया के मुताबिक अधिकारियों ने राजधानी यंगून के एक बाजार में एक बम को निष्क्रिय किया है जिसे देश में 20 साल बाद हुए चुनावों में बाधा पहुंचाने के मकसद से लगाया गया था.

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म्यांमार में चुनावतस्वीर: AP

अखबार न्यू लाइट ऑफ म्यांमार ने लिखा है कि यह बम शुक्रवार को बरामद किया गया था. इस बम को ऐसी जगह रखा गया था जहां से जान और माल का बड़ा नुकसान हो सके. अंग्रेजी भाषा के इस अखबार ने खबर में लिखा है, "अपने फर्ज के पक्के एक व्यक्ति की सूचना के आधार पर खोजे गए इस बम को अधिकारी वक्त पर निष्क्रिय करने में कामयाब रहे. यह एक टाइम बम था जिसे बोगयोके आउंग सान मार्केट में लकड़ी के पुल पर रखा गया था."

इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि उग्रवादी, विनाशकारी तत्व और राजनीतिक मौकापरस्त लोग आने वाले बहुदलीय लोकतांत्रिक चुनावों को हिंसा और विनाशकारी कार्यों के जरिए बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं.

Dossier Teil 2 Wahlen in Myanmar Birma Burma 2010
तस्वीर: picture alliance/dpa

1990 के बाद से देश में पहली बार चुनाव हो रहे हैं. 7 नवंबर को होने वाले इन चुनावों से पहले अधिकारी लोगों के भीतर मौजूद सरकार विरोधी भावना को टालने की कोशिश कर रहे हैं. इन चुनावों की अंतरराष्ट्रीय समुदाय और कार्यकर्ताओं ने यह कहकर आलोचना की है कि सैन्य शासन अपने राज को एक लोकतांत्रिक मुखौटा पहनाने के लिए यह सब कर रहा है.

1962 से देश पर राज कर रही सेना ने नागरिकों के किसी भी तरह का हथियार रखने पर रोक लगा दी है. मीडिया पर भी कड़ा नियंत्रण है. बीते सालों में जब भी देश में किसी तरह की अशांति फैली है तो उसका अंत खून खराबे से ही हुआ है. हाल ही में एक प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाबलों की गोली से दो युवकों की मौत हो गई. इसके बाद से माहौल अशांत बना हुआ है. हालांकि सरकारी मीडिया इस घटना को सिर्फ सामान्य झगड़ा बता रहा है.

द न्यू लाइट ऑफ म्यांमार ने लिखा है कि जिस हिंसा में सो पेंग जा (19) और आंग थू हाइन (23) की मौत हुई वह सिर्फ एक शराब के नशे में हुआ झगड़ा था. अखबार का कहना है कि इस घटना को देश में दंगे भड़काने के लिए इस्तेमाल किए जाने की साजिश रची जा रही थी. अखबार ने लोगों से आह्वान किया है कि वे ऐसे उत्तेजक तत्वों के सफाये में सत्ता की मदद करें.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एमजी

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