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यमन के पूर्व राष्ट्रपति 'लड़ाई में मारे गये'

४ दिसम्बर २०१७

यमन में हूथी विद्रोहियों ने राजधानी सना में हिंसक झड़पों में पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के मारे जाने का दावा किया है. हालांकि स्वतंत्र रूप से अभी इस खबर की पुष्टि नहीं हुई है.

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Jemen Ex-Präsident Ali Abdullah Saleh
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/H. Mohammed

विभिन्न समाचार एजेंसियों ने इस बारे में अपनी खबरों में हूथी बागियों से जुड़े टीवी और रेडियो चैनल पर प्रसारित खबरों का हवाला दिया है. हूथी बागियों से जुड़े एक टीवी चैनल अल मसारिया पर प्रसारित एक वीडियो फुटेज में एक शव दिखाया गया है जिसे सालेह का शव बताया गया है. वीडियो के साथ न्यूज एंकर कहती है, "गृह मंत्रालय मिशिलिया संकट के अंत और उनके उनके नेता और उसके बहुत से अपराधी समर्थकों के मारे जाने की घोषणा करता है."

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सालेह ने शनिवार को घोषणा की कि वह अब ईरान समर्थित हूथी बागियों का समर्थन नहीं करेंगे जबकि उनके साथ मिल कर वह तीन साल से देश पर शासन कर रहे थे. इससे पहले, 75 साल के सालेह ने तीन दशक तक यमन पर राज किया लेकिन 2012 में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा. सियासी खींचतान और अस्थिरता के बीच 2015 में यमन में गृहयुद्ध शुरू हो गया और सालेह के बाद राष्ट्रपति बने अब्द रब्बू मंसूर हादी को देश छोड़ कर सऊदी अरब भागना पड़ा. सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का सैन्य गठबंधन यमन में हूथियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.

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शुरू में सालेह ने हूथी बागियों का साथ दिया. लेकिन बीते हफ्ते उन्होंने अलग रास्ता अपना लिया. उधर सालेह की पार्टी ने भी उनके मारे जाने की पुष्टि कर दी है. सना में बीते छह दिन से जारी लड़ाई में 125 लोग मारे गए हैं और 238 से ज्यादा घायल हुए हैं. सालेह की मौत की खबर के बाद से उन्हें सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है. चश्मदीदों का कहना है कि सोमवार को हूथी बागियों ने सना में सालेह के घर को उड़ा दिया.

एके/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स)