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यमन में हॉसी विद्रोही आगे बढे

६ अप्रैल २०१५

सऊदी अरब के नेतृत्व में लगातार हो रहे हवाई हमले के बावजूद हॉसी विद्रोही यमन के अदन शहर में आगे बढ रहे हैं. भारत और चीन जैसे देशों ने अपने नागरिकों को यमन से निकालने के प्रयास तेज कर दिये हैं.

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तस्वीर: picture alliance/abaca

राष्ट्रपति मंसूर हादी की सेना और हॉसी विद्रोहियों के बीच लड़ाई भी तेज होती जा रही है. हॉसी लड़ाके और उनका साथ दे रही सेना की टुकड़ियां दक्षिणी यमन के गोदी शहर अदन में स्थानीय मिलिशिया के खिलाफ लड़ रही है. हॉसी विद्रोहियों ने रविवार को कहा कि यदि राष्ट्रपति मंसूर हादी को समर्थन दे रहा सऊदी नेतृत्व वाला गठबंधन बमबारी रोक दे तो वह बात करने के लिए तैयार है.

सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने रेडक्रॉस को यमन के नागरिकों की सहायता के लिए जरूरी चीजें विमान से लाने की अनुमति दे दी है. रेडक्रॉस प्रवक्ता ने बताया कि उन्हें दो विमान ले जाने की अनुमति मिली है. एक विमान में दवाइयां और आवश्यक चीजें और दूसरे विमान से सहायताकर्मियों को वहां पहुंचाया जाएगा. उन्होंने बताया कि आज दोनों विमानों को राजधानी साना में उतारने की योजना है.

रेडक्रॉस की अधिकारी मेरी क्लेयर फेगेली ने बताया ‘‘शहर के हालात काफी खराब हैं. गलियों में शवों के ढेर लगने शुरु हो गये हैं, लोग खाने की सामग्री लेने बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, शहर में पानी की कमी है क्योंकि पानी के पाइपों को नुकसान पहुंचा है. हमसे जितना हो सकता है हम करने की कोशिश कर रहे हैं.''

Abed Rabbo Mansour Hadi Ankunft in Riad
राष्ट्रपति हादी सउदी अरब मेंतस्वीर: picture-alliance/dpa

भारतीयों को निकाला

यमन के अल मुकल्ला शहर में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को आज बाहर निकाल लिया गया. नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा के अनुसार भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सुमित्रा ने अश शिर बंदरगाह से 203 लोगों को बाहर निकाला है, जिनमें से 21 विदेशी नागरिक हैं. उन्होंने बताया कि ये लोग कल दोपहर तक जिबूती पहुंच जाएंगे. युद्धग्रस्त यमन में हालत काफी बिगड़ती जा रही है.

वहीं हॉसी विद्रोहियों ने सरकारी सेना के खिलाफ हमले तेज कर दिये हैं. यमन के राष्ट्रपति मंसूर हादी ने सऊदी अरब में शरण ले रखी है. हॉसी विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन अरब सेना ने मार्च के आखिर में सैन्य कार्रवाई शुरु की थी जिसके बाद से स्थिति और बिगड़ गई है.

पाकिस्तानी संसद में यमन में सैनिक कार्रवाई में सहायता देने के सऊदी अरब के आग्रह पर बहस हो रही है. खाड़ी की मुख्य सुन्नी सत्ता सऊदी अरब के सुन्नी बहुल पाकिस्तान से किए गए आग्रह ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सऊदी समर्थक सरकार को मुश्किल में डाल दिया है क्योंकि पाकिस्तान की जनता किसी नए युद्ध में फंसना नहीं चाहती. सऊदी नेतृत्व वाला गठबंधन शिया हॉसी विद्रोहियों के ठिकानों पर बमबारी कर रहा है.

एमजे/आरआर (वार्ता, रॉयटर्स, डीपीए)