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यश से तालमेल बिठाती सिमोना

२३ अप्रैल २०१४

जर्मनी के श्टुटगार्ट शहर में ग्रां प्री विजेता को नीली रंग की चमचमाती पोर्शे कार दी जाएगी और 22 साल की सिमोना हालेप की पूरी कोशिश इस कार को जीतने की होगी. शोहरत उनके लिए मुश्किल सफर लेकर आई है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

रोमानिया की हालेप को पता है कि महिला टेनिस में शीर्ष 10 में प्रवेश करने के साथ ही जिंदगी आसान नहीं रह गई है. टेनिस जगत और उनके देश रोमानिया के अलावा उन्हें ज्यादा कोई नहीं जानता, लेकिन अब यह सब बदलने वाला है. पिछले साल से उनके खेल में बदलाव शुरू हुआ, जब उन्होंने जून और नवंबर के बीच छह खिताबी मुकाबले जीते और विश्व टेनिस ने उन्हें साल में सबसे ज्यादा सुधार वाली खिलाड़ी घोषित किया.

इसके बाद जनवरी में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई ओपन के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के साथ ही विश्व के शीर्ष 10 खिलाड़ियों में भी जगह बना ली. इसके बाद तो सफलता लगातार मिलती गई. फिलहाल वह दुनिया में पांचवीं नंबर की खिलाड़ी बन चुकी हैं, जो किसी भी रोमानियाई खिलाड़ी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. लेकिन वह अपने पांव जमीन पर ही टिका कर रखना चाहती हैं. हालेप कहना है, "रोमानिया की गलियों में लोग मुझे पहचानते हैं. उनका कहना है कि मैं अच्छी हूं और बहुत खूबसूरत खेलती हूं. लेकिन उन लोगों को पता होना चाहिए कि मैं रोबोट नहीं बल्कि एक आम लड़की हूं."

हालेप मानती हैं कि सफलता दबाव लेकर आई है, "शीर्ष 10 में होने की वजह से मुझ पर दबाव है. पिछले साल मैं शीर्ष खिलाड़ियों को पराजित करना चाहती थी. इस साल मामला अलग है. अब शीर्ष की 20 खिलाड़ी मुझे पराजित करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं."

किम क्लाइस्टर्स और सबीने लिसिकी जैसी खिलाड़ियों के कोच रह चुके विम फिसेटे अब हालेप को ट्रेनिंग दे रहे हैं. हालेप और ऊंचा जाने की उम्मीद करती हैं, "ग्रैंड स्लैम जीतना मेरा सपना है. हालांकि मैं अभी इसके लिए तैयार नहीं हूं. मैं इसकी उम्मीद नहीं कर रही हूं. मैं अभी सेमीफाइनल में पहुंचना चाहती हूं."

अब उनकी नजर लाल मिट्टी पर है, क्योंकि अगला ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन है, जो मई में शुरू हो रहा है. रोलां गैरो से पहले श्टुटगार्ड में ट्रेनिंग बहुत काम आ सकती है और वैसे भी हालेप को मिट्टी पर खेलना पसंद है. उन्हें जर्मनी से भी खास लगाव है, जहां 10 महीने पहले उन्होंने न्यूरेम्बर्ग ओपन जीता था. अब उस नीली पोर्शे पर उनकी नजरें टिकी हैं, जो कोर्ट के एक किनारे अपनी "मालकिन" का इंतजार कर रही है.

एजेए/एएम (डीपीए)