1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

यहूदी नरसंहार की याद, वुल्फ आउशवित्स में

२७ जनवरी २०११

जर्मन राष्ट्रपति क्रिस्टियान वुल्फ आज पोलैंड जा रहे हैं जहां वे नाजी यातना शिविर आउशवित्स बिरकेनाऊ को मुक्त कराए जाने की 66वीं वर्षगांठ के समारोहों में हिस्सा लेंगे. जर्मन संसद में भी स्मृति समारोह का आयोजन हो रहा है.

https://p.dw.com/p/105nh
तस्वीर: AP

आउशवित्स में जर्मन राष्ट्रपति के साथ पोलैंड के राष्ट्रपति ब्रोनिश्लाव कोमोरोव्स्की भी रहेंगे. दोनों राष्ट्रपति यातना शिविर के भूतपूर्व बंदियों से भी मिलेंगे. जर्मन राष्ट्रपति वुल्फ अपने कार्यकाल के पहले ही साल नाजियों द्वारा यहूदियों के नरसंहार के अंतरराष्ट्रीय स्मृति दिवस के मौके पर नाजियों के सबसे भयानक यातना शिविर का दौरा कर रहे हैं जहां 20 लाख से अधिक लोगों की जान ली गई थी.

पोलैंड के लिए रवाना होने से पहले राष्ट्रपति वुल्फ ने कहा, "हर पीढ़ी को आउशवित्स द्वारा दिए जाने वाले सवालों का जवाब खोजना चाहिए कि किस तरह सांस्कृतिक बिखराव की ऐसी घटना घट सकती थी?" जर्मन राष्ट्रपति के साथ यातना शिविर में जीवित बच गए लोग, यहूदी संगठनों के प्रतिनिधि और संसद में सभी दलों के प्रतिनिधि भी जा रहे हैं.

जर्मन संसद बुंडेसटाग में होने वाले स्मृति समारोह में इस साल पहली बार सिंती और रोमा जिप्सियों के प्रतिनिधि जोनी वाइत्स जर्मन सांसदों को संबोधित करेंगे. 73 वर्षीय वाइत्स के माता-पिता को नाजियों ने आउशवित्स भेज दिया था जबकि बच्चे के रूप में उन्होंने नीदरलैंड में छुपकर अपनी जान बचाई. एक अनुमान के अनुसार नाजी यातना शिविरों में लगभग 500,000 सिंती और रोमा जिप्सियों की हत्या की गई.

जर्मनी में 1996 से 27 जनवरी का दिन नाजियों के शिकारों की याद में मनाया जाता है. 1945 में इसी दिन सोवियत सेना ने यातना शिविर से बंदियों को आजाद कराया था.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए कुमार