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युद्ध और हिंसा के भागते लोगों का नया रिकॉर्ड

१८ दिसम्बर २०१५

शरणार्थी संकट से जूझ रहे यूरोप को अहसास है. अब संयुक्त राष्ट्र ने भी कहा है कि इस साल युद्ध, हिंसा और दमन से भाग रहे लोगों की संख्या पिछले साल के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगी. पिछले साल 6 करोड़ से ज्यादा लोग विस्थापित थे.

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Griechenland Rettung Flüchtlingsboot Lesbos
तस्वीर: Reuters/Y. Behrakis

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था की नई रिपोर्ट के अनुसार इस साल की पहली छमाही में शरणार्थी, शरण के आवेदकों या अपने ही देश में विस्थापित हुए लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. रिपोर्ट के अनुसार साल का आंकड़ा चौंकाने वाला होगा. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग ने कहा, "इस साल अब तक 10 लाख से ज्यादा लोगों ने शरणार्थियों और आप्रवासियों के रूप में भूमध्यसागर पार किया है, और सीरिया तथा दूसरे विवादों की वजह मानवीय तकलीफ जारी है, 2015 में वैश्विक विस्थापनों की संख्या के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ देने की संभावना है."

रिकॉर्ड शरणार्थी

पिछले साल विश्व भर में विस्थापित हुए लोगों की संख्या 59,5 करोड़ थी. नई रिपोर्ट के अनुसार यह संख्या इस साल 6 करोड़ को पार कर चुकी है. इसका मतलब है कि इस समय दुनिया में हर 122 इंसान पर एक इंसान ऐसा है जिसे अपना घरबार छोड़कर भागने को मजबूर होना पड़ा है. शरणार्थी उच्चायुक्त अंटोनियो गुटेरेस कहते हैं, "जबरी विस्थापन अब हमारे काल को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है." उन्होंने कहा कि उन लोगों के साथ जो सब कुछ खो चुके हैं, सहिष्णुता, सहानुभूति और एकजुटता की इतनी जरूरत पहले कभी नहीं थी.

Griechenland Rettung Flüchtlingsboot Lesbos
तस्वीर: Reuters/Y. Behrakis

2015 के पहले छह महीनों में कम से कम 50 लाख विस्थापित हुए हैं जिनमें से 42 लाख अपने अपने देशों के अंदर ही कहीं और रहे हैं जबकि 8.4 लाख लोगों ने सीमा पार कर किसी और देश में पनाह ली है. रिपोर्ट के अनुसार हर दिन 4600 लोग शरणार्थी बन रहे हैं. जून के अंत तक 2 करोड़ लोग शरणार्थी के रूप में रह रहे थे जो 2011 के मुकाबले 45 प्रतिशत ज्यादा है. इसमें सबसे बड़ी भूमिका सीरिया निभा रहा है जिसके गृहयुद्ध ने इस साल 42 लाख शरणार्थी पैदा किए हैं. सीरिया समस्या के बिना शरणार्थियों की संख्या में वृद्धि की दर 2011 के मुकाबले सिर्फ 5 प्रतिशत रही होती.

यूरोप के बिना

शरणार्थी संस्था की इस रिपोर्ट में यूरोप का शरणार्थी संकट शामिल नहीं है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप के सबसे गंभीर शरणार्थी संकट की शुरुआत इस साल की दूसरी छमाही में हुई है जिसे रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है.दुनिया भर में शरण के लिए आवेदनों की संख्या में 2015 की पहली छमाही के 10 लाख के मुकाबले 78 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. जर्मनी में पहले छह महीनों में 159,000 शरणार्थी आए जो 2014 की कुल संख्या के बराबर है. इस साल के अंत तक जर्मनी में 10 लाख शरणार्थियों के आने का अनुमान है.

Griechenland Flüchtlinge in Athen
तस्वीर: DW/D. Cupolo

शरण के आवेदनों के मामले में रूस दूसरे स्थान पर है जहां इस साल की पहली छमाही में एक लाख लोगों ने रहने की इच्छा जताई है. इनमें से ज्यादातर यूक्रेन विवाद से भागे हुए लोग हैं. देश के अंदर घरेलू विस्थापितों की कुल संख्या जून के अंत तक बढ़कर 3.4 करोड़ हो गई है. अकेले यमन में 9.34 लाख लोगों को युद्ध की वजह से घरबार छोड़ना पड़ा है, जबकि यूक्रेन युद्ध के चलते 6 लाख लोग विस्थापित हुए हैं. डेमोक्रैटिक रिपब्लिक कांगो 5.6 लाख विस्थापितों के साथ तीसरे नंबर पर है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था के अनुसार यह संख्या सिर्फ उन लोगों की है जिन्हें संस्था की सुरक्षा मिली हुई है.

एमजे/आईबी (एएफपी)