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युवा खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया: दिलशान

१० जून २०१०

ट्रायएंगुलर सीरिज जीतने के बाद तिलकरत्ने दिलशान ने जीत का श्रेय टीम के युवा खिलाड़ियों को दिया है. तीन देशों के टूर्नामेंट के फाइनल में श्रीलंका ने मेजबान जिम्बाब्वे को 9 विकेट से हराया. दिलशान ने नाबाद 108 रन ठोंके.

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दिलशानतस्वीर: AP

श्रीलंका इस टूर्नामेंट में अपने चार सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में उतरी. कुमार संगकारा, मुथैया मुरलीधरन, महेला जयवर्धने और सनथ जयसूर्या इस टूर्नामेंट में नहीं खेले. कप्तानी की जिम्मेदारी दिलशान के कंधों पर थी और उन्होंने उसे पूरी तरह निभाते हुए श्रीलंका को जीत दिलाई. फाइनल में जिम्बाब्वे को हराने के बाद दिलशान ने कहा कि विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश चंडीमल और ऑलराउंडर जीवन मेंडिस के प्रदर्शन से वह खासतौर पर प्रभावित हैं.

"युवा खिलाड़ियों को यहां अवसर मिला और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया. दिनेश चंडीमल भारत के खिलाफ अच्छा खेले जबकि जीवन मेंडिस ने सीरिज में बढ़िया बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी में भी टीम की मदद की."

फाइनल में श्रीलंका का दबदबा रहा और पहले बल्लेबाजी करने वाली जिम्बाब्वे सिर्फ 199 रन ही बना पाई. 200 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंका ने 35वें ओवर में ही जीत दर्ज कर ली. दिलशान ने शानदार शतक लगाया और वह 108 रन पर नाबाद रहे.

श्रीलंका के गेंदबाजों ने शुरुआत में ही मैन ऑफ द सीरिज रहे ब्रैंडन टेलर को आउट कर दिया जिसका उन्हें फायदा हुआ. दिलशान ने भी तेज गेंदबाजों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि उनके प्रदर्शन से वह खुश हैं क्योंकि पहले 10 ओवरों में उन्होंने शानदार गेंदबाजी की. खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की है.

दिलशान ने उम्मीद जताई है कि अगले साल वर्ल्ड कप में जीवन मेंडिस, दिनेश चंडीमल सहित अन्य युवा खिलाड़ी अहम भूमिका निभाएंगे. जिम्बाब्वे के कप्तान एल्टन चिगुम्बरा इस हार से निराश हैं लेकिन इस सीरिज के अनुभव से सीखना चाहते हैं. "मुझे लगता है कि श्रीलंका ने हमें कम स्कोर पर सीमित रखने में सफलता हासिल की. हम बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर पाए. अगले सीजन से हम बढ़िया खेल दिखाने की कोशिश करेंगे और आने वाले दिनों में हमारी कोशिश और मैच जीतने की होगी."

जिम्बाब्वे ने खिताब की दावेदार समझी जा रही भारतीय टीम को दो बार हराया. हालांकि टीम इंडिया में भी कई बड़े नाम नहीं शामिल थे. सुरेश रैना की कप्तानी में जिम्बाब्वे गई युवा भारतीय टीम सिर्फ एक मैच ही जीत पाई.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: महेश झा