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यूक्रेन को निगलता रूस

७ अप्रैल २०१४

क्रीमिया के बाद यूक्रेन के पूर्वी हिस्से भी टूट की कगार पर हैं. रूस समर्थकों ने पूर्वी यूक्रेन में सैन्य मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है. कुछ जगहों पर यूक्रेन से आजादी के नारे सुनाई पड़ने लगे हैं.

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तस्वीर: Reuters

यूक्रेन के कार्यकारी प्रधानमंत्री अर्सेनाई यात्सेन्युक रूस को पूर्वी यूक्रेन में हो रही हिंसा का जिम्मेदार ठहराया है. पूर्वी यूक्रेन में शनिवार और रविवार को रूस समर्थकों ने तीन शहरों में कई सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया. डोनेस्क, खारकीव और लुहांस्क में जगह जगह रूस के झंडे दिखाई पड़ रहे हैं. लुहांस्क का सैन्य मुख्यालय भी रूस समर्थकों को नियंत्रण में है.

सोमवार को डोनेस्क में रूस समर्थकों ने अलग देश की मांग कर दी. इंटरनेट पर डाले गए एक वीडियो में रूस समर्थक एक नेता का कहना है, "मैं पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ डोनेस्क की एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में स्थापना की घोषणा करता हूं."

यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने कहा, "हर कोई समझता है कि यूक्रेन के खिलाफ बनी योजना को अमल में लाया जा रहा है. स्थिति को बिगाड़ा जा रहा है ताकि विदेशी सेना दखल दे और इलाके पर कब्जा कर ले." यूक्रेन के कार्यकारी राष्ट्रपति ने आपात सुरक्षा बैठक बुलाई है. रक्षा मंत्री के मुताबिक क्रीमिया में एक सैन्य अधिकारी की हत्या भी हुई है. यूक्रेन ने हत्या के लिए रूसी सैनिक को जिम्मेदार ठहराया है. ऐसी भी रिपोर्टें हैं कि वहां एक और यूक्रेनी सैन्य अधिकारी को पीटा गया है और हिरासत में लिया गया है.

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पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थकतस्वीर: Reuters

पिछले महीने क्रीमिया को मॉस्को ने इसी अंदाज में खुद में मिलाया. क्रीमिया में भी पहले यूक्रेन सरकार के खिलाफ और रूस के समर्थन में प्रदर्शन हुए. 16 मार्च को वहां जनमत संग्रह हुआ. 94 फीसदी से ज्यादा क्रीमियावासियों ने रूस के साथ विलय के पक्ष में वोट दिया. पश्चिमी देशों ने जनमत संग्रह को गैरकानूनी करार दिया लेकिन इसके बावजूद रूसी संसद ने क्रीमिया को रूस का हिस्सा मानने के प्रस्ताव को पास कर दिया.

यात्सेन्युक के मुताबिक क्रीमिया पर कब्जे के बावजूद रूस ने सीमा से अपनी सेनाएं नहीं हटाईं. अब पूर्वी यूक्रेन के लोग संघीय ढांचे की मांग कर रहे हैं, "यह कहानी रूस ने लिखी है ताकि यूक्रेन को तोड़कर बर्बाद किया जा सके."

जर्मनी ने पूर्वी यूक्रेन के हालात पर गहरी चिंता जताई है. जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा, "डोनेस्क और खारकीव की स्थिति से जर्मन सरकार बहुत चिंतित है." वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने सेना की तारीफ की है. पुतिन के मुताबिक जिस तरह रूसी सेना ने बिना खून बहाए क्रीमिया संकट को शांत किया, वह सराहनीय है.

ओएसजे/एजेए (डीपीए, एएफपी)