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यूक्रेन में कूटनीतिक हल की तलाश

२६ अप्रैल २०१४

यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में हिंसा बढ़ने के बाद रूस और पश्चिमी देश पूरी कोशिश में लगे हैं कि कूटनीतिक रास्ते से मामले का हल मिल जाए.

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Symbolbild Ukraine
तस्वीर: KIRILL KUDRYAVTSEV/AFP/Getty Images

पूर्वी यूक्रेन में हिंसा और बढ़ने की स्थिति में रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मामला दर्ज करने का फैसला किया है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा शुक्रवार को टेलिफोन कॉन्फरेंस के जरिए यूरोपीय संघ से सदस्य देशों, जर्मनी, इटली और फ्रांस सहित कुछ अन्य राष्ट्र प्रमुखों से बातचीत करेंगे. जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने यूरोप में सहयोग और सुरक्षा संगठन ओएससीई के संकटग्रस्त इलाके में ज्यादा काम करने की सलाह दी है. पूर्वी साझेदारी वाले देश इसमें मध्यस्थता करना चाहते हैं.

उधर यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में देश की सेना ने आतंक निरोधी ऑपरेशन शुरू किया है. इसके जरिए खास सेना स्लावियांस्क को फिर से अपने कब्जे में ले लेना चाहती हैं. आतंक निरोधी केंद्र के प्रमुख वासिली क्रुतोव दलील देते हैं, "इससे हम रूस के समर्थकों को सहयोग मिलने से रोकना चाहते हैं." उनका दावा है कि रूसी समर्थक अलगाववादियों ने सेना के एक हेलिकॉप्टर को गिरा दिया. उन्होंने क्रामातोर्स्क के सैन्य ठिकाने पर खड़े एक हेलीकॉप्टर के टैंक पर गोली दागी जिससे उसमें आग लग गई. पूर्वी यूक्रेन में कई रूसी समर्थक सरकारी इमारतों पर कब्जा किए बैठे हैं और रूसी भाषी इलाकों के लिए वो व्यापक स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं. स्लावियांस्क में पांच रूस समर्थकों के मारे जाने के बाद रूस ने यूक्रेन की सीमा के आस पास सैन्य अभ्यास तेज कर दिया है.

तनाव के बावजूद यूक्रेन की सरकार ने वादा किया है कि वह ओएससीई के पर्यवेक्षकों को संकटग्रस्त इलाकों में जाने देगी. यूक्रेन ने वादा किया था कि वह सोवियत संघ में रहे इलाकों को संविधान में सुधार के साथ ज्यादा अधिकार देंगे. ओएससीई पर्यवेक्षक मिशन को तेजी से मजबूत करना होगा. तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. देश में करीब 500 पर्यवेक्षक हालात का जायजा लेने के लिए भेजे जाएंगे. हालांकि ये काम एक दिन में नहीं हो सकता. वहीं रूस ने कहा है कि अगर पूर्वी और दक्षिणपूर्वी यूक्रेन में विरोध प्रदर्शकारियों को हिंसा से दबाने की कोशिश की जाती है तो वह सुरक्षा परिषद से शिकायत करेगा.

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पश्चिम पर आरोप लगाया कि वह यूक्रेन के जरिए भूराजनैतिक खेल खेल रहा है ताकि वह यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा देश अपने प्रभाव में ले सके. वहीं कीव का दावा है कि उसने आतंकियों को यूक्रेन की सीमा में भेजा है ताकि सैनिक कार्रवाई करनी पड़े. यूक्रेन की सरकार की मांग है कि पश्चिमी देश साथ मिलकर रूस के खिलाफ कार्रवाई करें.

जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने साफ कहा है कि पुतिन को जेनेवा में हुए समझौते पर चलना चाहिए.

एएम/एमजी (डीपीए)