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यूनिवर्सिटी वीजा घोटाले पर अमेरिका चिंतित

२८ जनवरी २०११

अमेरिका में फर्जी यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों को दाखिला दिए जाने और वीजा घोटाले पर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है. विदेश विभाग ने वीजा की जिम्मेदार स्वीकारते हुए जांच एजेंसियों को मदद देने की बात की. छात्रों से पूछताछ.

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तस्वीर: AP

अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्राउली ने बताया, "वीजा घोटाला हमारे लिए बड़ी चिंता की बात है. जांच एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं और हम उसमें पूरा सहयोग करेंगे. वीजा देने की जिम्मेदारी हमारी होती है इसलिए हम जांच में मदद करेंगे. 9/11 की घटना के बाद से हमने काफी प्रयास किए हैं कि उन लोगों पर नजर रख सकें जिन्हें वीजा दिया जाता है. इसलिए अगर कोई छात्र वीजा पर आता है तो फिर उन्हें कॉलेज जाना ही होगा. यह छात्र वीजा मिलने की शर्त है."

FBI Agent
तस्वीर: AP

इस बीच सैन फ्रांसिस्कों से मिल रही रिपोर्टों के मुताबिक ट्राई वैली यूनिवर्सिटी वीजा घोटाले के कई छात्रों से पुलिस ने पूछताछ की है. इस यूनिवर्सिटी पर आरोप है कि उसने वीजा परमिट का गलत इस्तेमाल किया, पढ़ाई के नाम पर अमेरिका आने वाले लोगों को छात्र बनकर आने में मदद की, काले धन को सफेद बनाया और कई अन्य अपराधों में भी वह शामिल रही.

कैलिफोर्निया की अदालत में एक शिकायत दर्ज कराई गई है जिसके मुताबिक यूनिवर्सिटी ने विदेशी नागरिकों को गैरकानूनी तरीके से छात्र वीजा दिलाने में मदद की. इस यूनिवर्सिटी में 1,555 छात्र पढ़ते हैं जिनमें 95 फीसदी छात्र भारतीय हैं.

जांच में पता चला है कि वैसे तो छात्रों को ऑनलाइन कोर्स सहित कई पाठ्यक्रमों में दाखिला दिया गया लेकिन असल में वे अमेरिका के अलग-अलग शहरों में काम कर रहे थे. इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट ने इसे दिखावटी यूनिवर्सिटी करार दिया है. इस यूनिवर्सिटी ने छात्रों के जो पते दिए उनमें से करीब आधे छात्र कैलिफोर्निया में एक ही पते पर रह रहे थे.

अमेरिका में स्टूडेंट वीजा बनाए रखने के लिए यह जरूरी होता है कि छात्र साबित करे कि वह पढ़ाई अच्छे ढंग से कर रहा है और क्लास में जा रहा है. लेकिन इस मामले में सब फर्जी ढंग से चल रहा था. जिन छात्रों ने इस यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया उनमें से अधिकतर ने लाखों रुपये खर्च कर वीजा हासिल किया.

अब उनसे पूछताछ हो रही है और भारतीय छात्र समुदाय सकते में है. हालांकि जो छात्र इस यूनिवर्सिटी में 'पढ़ाई' कर रहे थे उनमें से अधिकतर जानते थे कि यहां फर्जीवाड़ा चल रहा है. अब कई छात्रों को वापस भेजा जा सकता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार

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