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यूपी में जीत कर आईं सबसे ज्यादा महिलाएं

फैसल फरीद
२१ मार्च २०१७

उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव महिलाओं के लिए वाकई अच्छे रहे. आजादी के बाद से प्रदेश में सबसे ज्यादा, कुल 41 महिलाएं, इस बार विधान सभा पहुंची हैं. पिछली बार इनकी संख्या 35 थी.

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Indien Aditi Singh
अमेरिका से एमबीए कर के आयी अदिति सिंह ने रायबरेली सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की. तस्वीर: DW/F. Fareed

कहने को तो महिलाओं को आधी आबादी माना जाता है लेकिन राजनीतिक पार्टियां महिला नेताओं को टिकट देने में शायद आज भी संकोच करती हैं. उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में इस बार 485 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरी थीं और उनमें से 41 ने जीत दर्ज की. विधान सभा में अब महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत के लगभग है.

गौरतलब है कि इस बार जो महिलाएं चुन कर विधायक बनी हैं वे अलग अलग क्षेत्रों से हैं. ऐसा नहीं है कि केवल राजनीतिक पृष्ठभूमि से होने के कारण ही उन्होंने चुनाव जीता हो. कई महिलाएं तो राजनीति में बिल्कुल नयी हैं और कुछ घर से बाहर निकल कर पहली बार सियासत के गलियारे में आई हैं.

जैसे कि फैजाबाद जिले की बीकापुर सीट से शोभा सिंह चौहान बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतीं. शोभा सिंह के पति मुन्ना सिंह चौहान पूर्व मंत्री थे और राष्ट्रीय लोक दल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रहे. उनकी मृत्यु के बाद शोभा ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की और बीजेपी में शामिल हुईं. इन चुनावों में शोभा सिंह दमदार तरीके से जीतीं.

सबसे बड़ी जीत अदिति सिंह ने रायबरेली सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर दर्ज की. वो तकरीबन 89,163 वोटों से जीती हैं. अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह इसी सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं. अदिति अमेरिका की नार्थ ड्यूक यूनिवर्सिटी, नार्थ कैरोलाइना से एमबीए हैं. ध्यान देने वाली बात ये भी है कि प्रदेश में जबरदस्त मोदी लहर के बावजूद भी वो कांग्रेस के टिकट पर जीत गयीं. अदिति बताती हैं कि उन्होंने विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा और जीतीं. अदिति ने कहा, "अब मेरा लक्ष्य अपने क्षेत्र के गरीबों का विकास करना और सबकी समस्याएं सुलझाना हैं. मुझे खुशी है कि जनता ने मुझे चुना.”

कांग्रेस की ही दूसरी महिला विधायक आराधना मिश्र मोना हैं. उनके पिता प्रमोद तिवारी प्रतापगढ़ जनपद की रामपुर खास सीट से नौ बार विधायक रहे. उनके राज्यसभा चले जाने के बाद पिछली बार मोना उपचुनाव में जीतीं. इस बार फिर वो अपनी सीट बचाने में सफल रहीं. मोना कॉमर्स ग्रेजुएट हैं और एक पिस्तौल की मालकिन भी. सबसे बड़ी बात ये है कि ये दोनों महिला विधायक कांग्रेस के गिनती के सात विधायकों में शामिल हैं.

कई दूसरी महिलाओं की सियासी पारी इतनी आसान नहीं रही. बीजेपी उम्मीदवार स्वाति सिंह लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से जीती हैं. पूरी तरह से गैर राजनीतिक रही स्वाति सिंह तब चर्चा में आई, जब उनके पति और बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने बसपा प्रमुख मायावती के प्रति कथित तौर पर अपशब्द कह दिये थे. जवाब में बसपा ने प्रदर्शन किया और कुछ आपत्तिजनक नारे लगाये, जिसके उत्तर में स्वाति सिंह मैदान में आ गयीं. आनन फानन में बीजेपी ने उन्हें महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया और स्वाति नेता बन गयीं. फिर टिकट मिला और अब विधायक बन चुकी हैं. यही नहीं स्वाति ने चुनाव में राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भाई को हराया.

Indien Politik Rita Bahuguna Joshi
लखनऊ की कैंट सीट से डॉक्टर रीता बहुगुणा जोशी इस बार बीजेपी विधायक बनी. पिछली बार वो कांग्रेस की विधायक थीं.तस्वीर: DW

सिर्फ आम महिलाएं नहीं बल्कि रजवाड़े की महिलाएं भी राजमहल की ढ्योड़ी लांघ कर विधायक बन गयीं. आगरा में भदावर राजघराने की रानी पक्षालिका सिंह बाह सीट से चुनाव जीती. इनके पति राजा अरिदमन सिंह सपा सरकार में मंत्री रहे लेकिन अब भाजपा में हैं. अमेठी राजघराने की रानी गरिमा सिंह भी चुनाव जीत गयीं. इनका चुनाव बहुत रोचक रहा. इनके पति राजा संजय सिंह ने अपनी दूसरी पत्नी रानी अमिता सिंह को कांग्रेस की ओर से अमेठी से लड़ाया तो रानी गरिमा सिंह भाजपा से खुद लड़ी. दोनों रानियों के बीच गरिमा जीत गयी.

कुछ महिलाएं तो अपने पति के जेल में होने के कारण मैदान में आयीं. जैसे कि मात्र 27 साल की सुचि चौधरी, जो बिजनौर सीट से बीजेपी एमएलए हैं. फूड एंड न्युट्रीशन में एमएससी सुचि के पति ऐश्वर्य चौधरी जेल में हैं. उनके ऊपर बिजनौर जनपद में एक हत्याकांड का आरोप लगा है. पहली बार विधायक बनीं सुचि प्रदेश की सबसे कम उम्र की विधायक हैं.

फलों के राजा आम की लिए मशहूर मलीहाबाद सीट जया देवी ने जीती है. इनके पति कौशल किशोर सांसद हैं. जया अपना पहला चुनाव आराम से जीत गयीं. लखनऊ की ही कैंट सीट से डॉक्टर रीता बहुगुणा जोशी भी इस बार बीजेपी विधायक बन गयी हैं. पिछली बार वो कांग्रेस की विधायक थीं. रीता का घर बसपा शासन में जला दिया गया था. रीता ने मुलायम की बहू अपर्णा यादव को चुनाव में हराया है.

पार्टी के स्तर पर देखें तो सबसे ज्यादा 35 महिलाएं बीजेपी से जीती हैं, जबकि कांग्रेस और बसपा में दो-दो महिला विधायक हैं. वहीं सपा और अपना दल से भी एक-एक महिला उम्मीदवार इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीती है.