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यूरोपीय संघ ने बुलाई ग्रीस पर आपात बैठक

६ जुलाई २०१५

ग्रीस की जनता द्वारा देश को ऋण संकट से उबारने के उद्देश्य से यूरोपीय संघ की ओर से प्रस्तावित राहत पैकेज की शर्तों को अस्वीकार किए जाने के बाद यूरोपीय संघ ने आपात बैठक बुलाई है.

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टेलीविजन प्रसारण में देशवासियों को संबोधित करते ग्रीस के प्रधानमंत्री अलेक्सिस सिप्रासतस्वीर: Reuters/ERT/Pool

जनमत संग्रह के माध्यम से ग्रीस ने यूरोपीय देशों के 7.2 अरब यूरो के आर्थिक पैकेज और इसके साथ सुधारों को लागू करने की उसकी शर्त को ठुकरा दिया है. इससे कर्जदाताओं के साथ उसका मतभेद और गहरा होने के साथ यूरोजोन में उसके बने रहने पर संदेह पैदा हो गया है. जनमत संग्रह के परिणाम से स्तब्ध यूरोपीय संघ के नेताओं ने स्थिति पर विचार करने के लिए आपात बैठक बुलाई है. मंगलवार को यूरोजोन के 19 नेता ग्रीस पर बैठक करेंगे.

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद सोमवार शाम पेरिस में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. ओलांद ने ग्रीस के प्रधानमंत्री अलेक्सिस सिप्रास ने पहले ओलांद और फिर अंगेला मैर्केल से टेलिफोन पर बात की. ओलांद ने जनमत संग्रह के परिणाम का सम्मान करने के संकेत दिए हैं.

वित्त मंत्री ने दिया इस्तीफा

वहीं जनमत संग्रह के नतीजे के बाद ग्रीक वित्त मंत्री यानिस वारूफाकिस ने इस्तीफा दे दिया. वारूफाकिस ने एक बयान जारी कर कहा, "मुझे जानकारी दी गयी थी कि यूरोजोन के कुछ सदस्य वित्त मंत्रियों की बैठक में मुझे शामिल होते नहीं देखना चाहते. यही वजह है कि मैंने वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है." जनमत संग्रह की बात करते हुए उन्होंने कहा, "इस मामले में प्रधानमंत्री अलेक्सिस सिप्रास की मदद करना मेरा फर्ज है. यही देश हित में है."

राहत पैकेज को लेकर कराए गए जनमत संग्रह में 61 प्रतिशत से अधिक लोगों ने यूरोपीय संघ की शर्तों को नकारने के पक्ष में मत दिया. वहीं इसके पक्ष में महज 39 प्रतिशत लोगों ने ही वोट डाले. सरकार ने भी देश की जनता से पैकेज की शर्तों के विरोध में वोट डालने की अपील की थी. हालांकि विपक्षियों का मानना है कि यूरोपीय संघ की शर्तों को नकारने से ग्रीस को यूरोजोन से बाहर होने का खतरा उठाना पड़ सकता है, जिससे देश की मुसीबतें और भी अधिक बढ़ जाएंगी.

सिप्रास मानते हैं बहादुरी भरा फैसला

प्रधानमंत्री सिप्रास ने परिणाम की घोषणा के बाद टेलीविजन प्रसारण में देशवासियों को संबोधित करते हुए इसे एक साहसिक फैसला बताया. उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि आप लोगों ने मुश्किल और विपरीत परिस्थितियों में एक बहादुरी भरा फैसला किया है. साथ देने के लिए आप सबका शुक्रिया. हम इस स्थिति से निकलने में जरूर कामयाब होंगे. जनता की इच्छा को कोई भी अनदेखा नहीं कर सकता."

परिणाम आने पर हजारों की संख्या में लोग खुशी जाहिर करने सड़कों पर निकल आए. प्रधानमंत्री सिप्रास ने कहा है कि जनादेश यूरोप के साथ संबंध तोड़ने के लिए नहीं बल्कि और मजबूती के साथ समझौता वार्ता शुरू करने तथा समस्या का हल निकालने के लिए है. प्रधानमंत्री के इस दावे के बावजूद ग्रीस के यूरोजोन से बाहर होने और उसके बैंकों के ठप पड़ने का खतरा बढ़ गया है. यूरोपियन सेंट्रल बैंक से ग्रीस के बैंकों को और धन मिले बिना उनका खुलना मुश्किल है. एक सप्ताह की बंदी के बाद इन बैंकों को मंगलवार को खोलने का संकेत था.

आईबी/आरआर (रॉयटर्स)