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यूरोप में बेरोजगारी का संकट बढ़ाती शिक्षा

१५ जनवरी २०१४

यूरोप में आर्थिक मंदी ने शिक्षा प्रणाली की कमजोरियों को सामने ला दिया है. कारोबार जगत के एक सर्वे के अनुसार विश्वविद्यालय जरूरतों का सामना करने लायक लचीले नहीं हैं.

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तस्वीर: picture alliance / dpa Themendienst

आर्थिक संकट के दौरान स्पेन का निर्माण उद्योग 60 फीसदी सिकुड़ा, लेकिन इसके बावजूद देश के विश्वविद्यालय और कॉलेज आर्किटेक्ट और सिविल इंजीनियरों को ट्रेन करते रहे. 2005 के बाद से उनकी तादाद 174 फीसदी हो गई है.

मैनेजमेंट कंसलटेंसी कंपनी मैककिंजी द्वारा कराए गए एक सर्वे के अनुसार यह मामला यूरोप में युवा बेरोजगारी की वजहों और उसके संकट को उजागर करता है. शिक्षा क्षेत्र आर्थिक जरूरतों पर तुरंत प्रतिक्रिया करने और जरूरत के अनुसार कामगारों को ट्रेन करने में समर्थ नहीं है. इस हफ्ते जारी रिपोर्ट 5,300 यूरोपीय नौजवानों 2,600 कंपनियों और 700 तकनीकी कॉलेजों के साथ किए गए सर्वे पर आधारित है. कंपनियों की जरूरतों और संस्थानों से पास करने वाले स्नातकों की योगयता में काफी अंतर है.

इसकी वजह से यूरोप में युवा बेरोजगारी बढ़ रही है और इस समय यूरोजोन में औसत 25 प्रतिशत है. स्पेन सहित कुछ देशों में युवा बेरोजगारी 50 प्रतिशत से ज्यादा है. और यह आर्थिक विकास में बाधा पहुंचा रही है तथा पांच साल के उथल पुथल से बाहर निकलने की संभावना को नुकसान पहुंचा रही है.

ग्रीस में 50 फीसदी बेरोजगारी

अपनी रिपोर्ट में कंसल्टेंसी कंपनी ने कहा है कि नीतिनिर्माताओं, शिक्षकों और उद्योग को अपने घरौंदों से बाहर निकलने और बढ़ते संकट को रोकने के लिए साथ मिलकर काम करने की जरूरत है. मैककिंजी ने कहा है कि उद्योग जगत को बदलाव लाने के लिए पहल करनी चाहिए. यूरोप के नीति निर्माताओं ने इस समस्या को सुलझाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. यूरोपीय संघ के नेताओं ने एक युवा गारंटी स्कीम शुरू की है और स्कूल पास करने वालों के लिए नौकरी, एप्रेंटिसशिप, ट्रेनिंग तथा और प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए 8 अरब यूरो की राशि दी है.

ये कार्यक्रम फिनलैंड, ऑस्ट्रिया और जर्मनी में चलाए जा रहे कार्यक्रमों पर आधारित हैं जिनकी वजह से इन देशों को अपने यहां युवा बेरोजगारी कम करने में मदद मिली है. ग्रीस में 50 फीसदी नौजवानों के पास काम नहीं है जबकि जर्मनी में यह संख्या सिर्फ 7.5 फीसदी है.

मैककिंजी की सीनियर पार्टनर और रिपोर्ट की लेखक मोना मुर्शीद कहती हैं, "हमें कम खर्च पर बेहतर एप्रेंटिसशिप सुविधाओं की जरूरत है." एक दूसरी समस्या भाषा की है. स्पेनी छात्र अच्छे हुनर का प्रशिक्षण पाते हैं लेकिन उन्हें स्पेन में आसानी से काम नहीं मिलता. एक और भाषा आने से उन्हें किसी और देश में या स्पेन में स्थित किसी अंतरराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी पाने में आसानी होगी.

रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा और कंपनियों की जरूरतों के गंभीर संबंधों के प्रति सचेत होते हुए भी यूरोपीय आयोग इस पर कोई साझा नीति बनाने के लिए संघर्ष करता रहा है क्योंकि शिक्षा और प्रशिक्षण अभी भी राष्ट्रीय सरकारों के दायरे में आता है और यह ब्रसेल्स की नहीं बल्कि उन्हीं की मुख्य जिम्मेदारी है. यूरोपीय आयोग के शिक्षा कमिश्नर आंद्रूला वासीलू कहते हैं, "यदि हम रोजगारोन्मुखी शिक्षा को यूरोप की नीतियों के केंद्र में लाना चाहते हैं तो यह बहुत ही जरूरी है."

यूरोप की स्थिति फिलहाल ऐसी है कि एक ओर बहुत से लोग रोजगार खोज रहे हैं तो दूसरी ओर कंपनियां खाली जगहों को भरने में असमर्थ हैं क्योंकि उन्हें सही योग्यता वाले लोग नहीं मिल रहे हैं. कई सालों के धीमे विकास और मंदी के बाद अमेरिका और यूरोपीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिख रहे हैं और मैककिंजी के सर्वे के अनुसार आने वाले सालों में जरूरी नौकरियों के लिए सही प्रशिक्षण को सुनिश्चित किया जा सकता है.

सर्वे में उच्च शिक्षा के बढ़ते खर्च और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर बढ़ते पूर्वाग्रह पर चिंता व्यक्त की गई और कहा गया है कि छात्रों को ज्यादा और बेहतर सूचना की जरूरत है और उन्हें इसके इस्तेमाल के लिए बढ़ावा देना होगा. "युवा बेरोजगारी यूरोप के लिए बड़ी चुनौती है और वित्तीय संकट ने इसे और खराब बना दिया है."

एमजे/आईबी (रॉयटर्स)

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