यूरोप में राख के बादलों पर तकरार
१९ अप्रैल २०१०इस मुद्दे पर यूरोपीय देशों के यातायात मंत्रियों की एक बैठक भी हो रही है जिसमें एयरलाइंसों की आपत्तियों के साथ यात्रियों की सुरक्षा के मुद्दे पर ही खास तौर से चर्चा की जाएगी. यूरोपीय संघ के मौजूदा अध्यक्ष स्पेन के यूरोपीय मामलों के मंत्री डिएगो लोपेज गैरिदो कहते हैं, "हम इस मामले से जुड़े जोखिम का सटीक मूल्यांकन कर रहे हैं और हम सभी चाहते हैं कि यूरोपीय आसमान को फिर से खोला जाए."
सोमवार को भी भी स्पेन और आइसलैंड के ज्वालामुखी की राख से सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तरी यूरोपीय देशों में लगभग एक हजार उड़ानों को रद्द कर देना पडा. यूरोपीय विमानन सुरक्षा से जुड़ी संस्था यूरोकंट्रोल का कहना है कि सोमवार को भी 70 फीसदी विमान उड़ा नहीं भर पाएंगे.
वैसे एयरलाइंसों को रहे भारी घाटे को देखते हुए यूरोपीय आयोग अपने कड़े नियमों में ढील देने की सोच रहा है ताकि सरकारें एयरलाइंसों की मदद कर सकें. हर रोज दो से तीन करोड़ डॉलर का घाटा झेल रही ब्रिटिश एयरवेज ने यूरोपीय संघ और देशों से मुआवजे की मांग की है. मोटे पर तौर उड़ानों पर लगी पाबंदी के चलते एयरलाइंसों को हर रोज 25 करोड़ डॉलर का घाटा उठाना पड़ रहा है.
एयरलाइन ही बल्कि विमानों के न उड़ने से समूचे उद्योग जगत को भी खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है. हवाई मामलों के जानकार आर्दियास श्पेठ कहते हैं, "हवाई यातायात से जर्मनी का 35 प्रतिशत निर्यात जुड़ा है. यह बहुत बड़ी मात्रा है. इसके कारण बहुत कुछ प्रभावित हुआ है. निर्यात की समय पर आपूर्ति नहीं की जा सकी है. इस मामले में दवाओं का नाम खासकर लिया जा सकता है."
इस बीच नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड, ऑस्ट्रिया, हंगरी और चेक गणराज्य जैशों ने अपने वायुक्षेत्र को कुछ हद तक खोल दिया है. लेकिन वहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर अब भी पाबंदी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः प्रिया एसेलबोर्न