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यूरो में रिकॉर्ड गिरावट

१९ मई २०१०

यूरोजोन की साझा मुद्रा यूरो संकट के भंवर में फंसती जा रही है और डॉलर के मुकाबले उसके मूल्य में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. एक यूरो का मूल्य गिरकर 1.2144 डॉलर हो गया है जो पिछले चार साल में सबसे कम है.

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शिकंजे में यूरोतस्वीर: picture alliance / dpa

टोक्यो में शुरुआती कारोबार के दौरान एक यूरो का मूल्य गिरकर 1.2144 हो गया. इससे पहले न्यूयॉर्क में मंगलवार को यूरो गिरकर 1.2162 डॉलर पर पहुंच गया. यूरोजोन के वित्त मंत्री संकट को भांपते हुए यूरो को बचाने और वित्तीय मुश्किलों को सुलझाने की कोशिशों में जुटे हैं लेकिन स्थिति संभलने का नाम नहीं ले रही है. यूरोजोन के कई देशों ने बचत कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है जिससे विकास दर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है. इससे भी यूरो को संभालने में मुश्किलें पेश आ रही हैं.

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तस्वीर: AP

मीडिया में रिपोर्टें आई थीं कि जर्मनी कयासों पर आधारित शॉर्ट सैलिंग पर नियंत्रण लगा सकता है और विश्लेषक मान रहे हैं कि इसी वजह से यूरो के मूल्य में गिरावट आई. अर्थशास्त्री दाइसुके काराकामा का कहना है, “जब भी वित्तीय बाज़ार पर नियंत्रण कसने की रिपोर्टें आती हैं तो उसका मुद्रा पर ग़लत प्रभाव पड़ता है.” जर्मनी की प्रतिभूति नियामक संस्था ने 'नेकेड शॉर्ट सैलिंग' पर मंगलवार को पाबंदी लगा दी ताकि बाजार में कायम अस्थिरता के माहौल पर रोक लगाई जा सके.

जर्मन सरकार की यह पाबंदी देश के 10 अहम वित्तीय संस्थानों पर लागू होगी और इसके जरिए यूरो सरकारी बॉन्ड की शॉर्ट सैलिंग रोकने की कोशिश की जाएगी. शॉर्ट सैलिंग में ट्रेडर शेयर को उधार लेते हैं और उन्हें बेच देते हैं. जब स्टॉक का दाम गिर जाता है तो वे उन्हें फिर खरीद कर उधार देने वाले को लौटा देते हैं. इस लेनदेन में हुए लाभ को वे अपने पास रखते हैं. इसे 'शॉर्ट सैलिंग' कहा जाता है. 'नेकेड शॉर्ट सैलिंग' तब होती है जब निवेशक बाजार में उन स्टॉक या बॉन्ड को बेच देते हैं जिन्हें न तो उन्होंने खरीदा होता है और न ही उधार पर लिया होता है. निवेशकों को उम्मीद होती हैं कि जब उन बॉन्ड या स्टॉक का दाम गिर जाएगा तो वे उन्हें फिर कम दामों पर खरीद लेंगे जिससे उन्हें फायदा पहुंचेगा.

Spanien Euro Sparen Flash
तस्वीर: bilderbox/DW

यूरोजोन के वित्त मंत्रियों की बैठक में हेज फंड के खिलाफ कड़े कानून बनाने पर सहमति हो गई है. इसके तहत एक नई नियामक संस्था बनाई जानी है जिससे मोटी तनख्वाह, जोखिम भरे निवेशों और शॉर्ट सैलिंग पर लगाम कसी जाएगी. ब्रिटेन की नई सरकार ने इस फैसले पर आपत्ति जताई लेकिन उसे दरकिनार कर समझौता हो गया है. हेज फंड पर नियंत्रण किए जाने का सीधा असर लंदन पर होगा क्योंकि वहां 80 फीसदी फंड मौजूद हैं. जर्मनी, फ्रांस सहित कई यूरोपीय देशों लंबे समय से कहते आए हैं कि हेज फंड दुनिया में वित्तीय व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं और उन पर नियंत्रण की जरूरत है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार