1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

येदियुरप्पा - इस्तीफे का पहला संकेत

२३ नवम्बर २०१०

पत्रकारों से बात करते हुए जमीन घोटाले में फंसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने आज पहली बार इस्तीफे की संभावना की ओर इशारा किया है. अब तक वे इस्तीफा न देने पर अड़े हुए थे.

https://p.dw.com/p/QFlL
जाने कहां गए वो दिनतस्वीर: UNI

येदियुरप्पा ने आज कहा है कि पार्टी ने उनसे इस्तीफे की मांग नहीं की है, लेकिन दलीय नेतृत्व के किसी भी फैसले को वे स्वीकार करेंगे. उन्होंने बताया कि आज मंगलवार को वे इस सिलसिले में अंतिम निर्णय के लिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मिलेंगे. उन्होंने एक बार फिर पूरे घोटाले में निर्दोष होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि किसी ने उनसे इस्तीफा देने को नहीं कहा है और उन्होंने कोई गलती नहीं की है.

केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत से पहले येदियुरप्पा ने फिर एकबार ध्यान दिलाया कि उन्हें विधायकों के बहुमत का समर्थन प्राप्त है. लेकिन उनका कहना था कि वे कोई शर्त नहीं पेश कर रहे हैं, और न ही लिंगायत समुदाय के होने की अपनी पहचान का दुरुपयोग कर रहे हैं. मैं सबका नेता हूं - उनका कहना था. इसके अलावा उनका कहना था कि जमीन आवंटन घोटाले की न्यायिक जांच हो रही है.

कल शाम को मुख्यमंत्री ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली से मुलाकात की थी. आज वे दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष नितीन गडकरी से मिलने वाले हैं. केंद्रीय नेतृत्व ने कर्नाटक के बीजेपी विधायकों की एक बैठक भी बुलाई है. बताया जाता है कि विधायकों का भारी बहुमत चाहता है कि येदियुरप्पा मुख्यमंत्री के पद पर बने रहें.

कुछ सूत्रों का कहना है कि अपने उत्तराधिकारी के चयन के मामले में उनकी बात सुने जाने पर येदियुरप्पा इस्तीफे के लिए राजी हो सकते हैं. साथ ही माना जा रहा है कि वे प्रदेश के स्तर पर किसी महत्वपूर्ण पद का दावा कर रहे हैं.

लिंगायत समुदाय के महत्वपूर्ण नेता येदियुरप्पा को गृहमंत्री आर अशोक का भी समर्थन प्राप्त है, जो प्रादेशिक राजनीति में महत्वपूर्ण दूसरे समुदाय वोक्कालिगा के महत्वपूर्ण नेता हैं. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के लिए इन समुदायों की अनदेखी करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: एन रंजन