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रंग बदलती मुर्गी

२३ जुलाई २०१०

गिरगिट को रंग बदलते तो सभी ने सुना है लेकिन भारत में एक ऐसी मुर्गी भी है जो रंग बदलती है. स्थानीय जीव विज्ञानियों ने इसे जादुई चिडिया का नाम दिया है. नेताओं की तरह अपना असली रंग इसने अभी तक नहीं दिखाया है.

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केरल के मुक्कोला गांव में रहने वाली ये मुर्गी छह साल की है और वो कम से कम चार बार बिना पंख गिराए अपना रंग बदल चुकी है. जीव विज्ञानियों का ये कहना है कि ऐसा बहुत ही कम होता है. जीव विज्ञानियों का ये कहना है कि एक चिड़िया जिसका मूल रंग काला था वो चार बार अपना रंग बदल चुकी हो.

2009 में उसने दो बार काले से सफेद रंग बदला. ये जानकारी मुक्कोला गांव के एक किसान सेल्वराज ने दी. उसने बताया, "जब उसने पहली बार अंडे दिए तो पंखों का रंग बदला. एक साल में काली मुर्गी सफेद हो गई. उसे किसी तरह की बीमारी नहीं है."

Misthaufen mit Hahn und Hühner
तस्वीर: dpa

विज्ञान और औद्योगिक शोध परिषद (सीएसआईआर) 2008 से इस मुर्गी पर नज़र रखे है. परिषद के वैज्ञानिक और केरल यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान विभाग के पूर्व मुख्याध्यापक डॉ. उम्मन वी उम्मन का कहना है कि ये बहुत कम होता है. "मुर्गी के खून और हारमोन के सैम्पल हमने 2008, 2009, 2010 में लिए थे उनका हमने परीक्षण किया. मुर्गी में फीमेल सेक्स हारमोन एस्ट्रोजन बहुत ज्यादा था. हो सकता है कि रंग बदलने के पीछे ये एक कारण हो."

एस्ट्रोजन के कारण मादा चिड़िया में पिगमेंटेशन यानी रंजकता हो सकती है. लेकिन इसकी पुष्टी मुर्गी के जीन्स के और परीक्षण के बाद ही की जा सकती है. इस मुर्गी के एक चूजे में भी रंग बदलने की प्रक्रिया देखी जा रही है. ऐसा किसान का कहना है. इस बारे में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी को भी सूचित किया गया है. वे भी इस मामले की तह तक जाएंगे.

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

संपादनः एस गौड़