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'रक्षा बजट में ज़्यादा रक़म का आवंटन ज़रूरी'

११ अप्रैल २०१०

गृह मंत्री पी चिदंबरम ने रक्षा बजट के लिए 1,47,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने के फ़ैसले का पूरी तरह समर्थन किया है. चिदंबरम ने कहा है कि पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के चलते रक्षा बजट में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए.

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नहीं बदला है पाकिस्तान का रवैयाः चिदंबरमतस्वीर: AP

भारतीय गृह मंत्री का कहना है कि भारत के प्रति पाकिस्तान का रवैया मित्रतापूर्ण नहीं है. पुदुच्चेरी में एक समारोह के दौरान चिंदबरम ने कहा, "अगर पड़ोसी देश में हालात स्थिर, शांतिपूर्ण होते और उसका रवैया भारत के प्रति दोस्ती भरा होता तो रक्षा बजट को बढ़ाया जाना इतना ज़रूरी नहीं होता."

चिदंबरम ने भरोसा दिलाया है कि आंतरिक सुरक्षा पर भी सरकार ध्यान दे रही है और इस वित्तीय वर्ष में अर्धसैनिक बलों और पुलिस की ज़रूरतों के लिए 40 हज़ार करोड़ रुपये आवंटित किए जाने की उम्मीद है. उनके मुताबिक, "आतंकवादी, विभाजनकारी ताक़तें, नक्सली हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे है, ग़रीबों ख़ासकर आदिवासियों का शोषण कर रहे हैं. उनसे निपटने के लिए मज़बूत रक्षा बजट बेहद ज़रूरी है."

गृह मंत्री ने तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. चिंदबरम के मुताबिक़ आतंकवादी और गड़बड़ी फैलाने वाले तत्व इन्हीं रास्तों से देश में घुसने की कोशिश कर सकते हैं. तटीय इलाक़ों में रहने वाले लोगों को चिदंबरम ने सुरक्षा गार्ड की संज्ञा दी.

चिदंबरम ने याद दिलाया कि मुंबई में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने वाले हमलावर तटीय क्षेत्र से ही मुंबई में घुसे थे. गृह मंत्री ने स्थानीय प्रशासन से हर तटीय गांव में रहने वाले कुछ लोगों को मोबाइल फ़ोन मुहैया कराने के लिए कहा है ताकि उन इलाक़ों में घूम रहे संदिग्ध लोगों के बारे में सूचना तुरंत पुलिस को दी जा सके.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार