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राजा पर चल सकता है मुकदमा: हाई कोर्ट

७ जनवरी २०११

2जी स्पेक्ट्रम मामले में पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा को झटका लगा. दिल्ली की एक अदालत ने जनता पार्टी प्रमुख सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर सुनवाई करते हुए कहा है कि उनकी शिकायत पर कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सकता है.

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तस्वीर: AP

अदालत ने कहा है कि पहले सुब्रमण्यम स्वामी को एक शिकायतकर्ता के तौर पर अदालत में पेश होना पड़ेगा और उसके बाद ही उनकी उस याचिका पर फैसला किया जा सकेगा जिसमें स्वामी अभियोजन पक्ष के वकील के रूप में मुकदमे की कार्रवाई का हिस्सा बनना चाहते हैं. विशेष अदालत में जज प्रदीप चढ्ढा ने कहा, "मेरी राय में इस शिकायत पर कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सकता है."

अदालत ने साफ कर दिया है कि स्वामी एक साथ शिकायतकर्ता और अभियोजन पक्ष के वकील की भूमिका नहीं निभा सकते. इसके जवाब में स्वामी ने कहा, "मैं दोहरी भूमिका की मांग नहीं कर रहा है. मैं पहले शिकायकर्ता के रूप में गवाही दूंगा और फिर इस महाघोटाले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमे में अदालत की मदद करूंगा."

स्वामी की शिकायत पर अदालत ने कहा कि शिकायत के साथ संलग्न दस्तावेजों और सबूतों का पूरा अध्ययन किया गया है और उसके बाद ही यह फैसला लिया गया है कि शिकायत पर कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाई जा सकती है. जहां तक आरोपियों और अन्य गवाहों को बुलाने की बात है तो उसके लिए बाद में आवेदन किया जा सकता है.

स्वामी ने विशेष सीबीआई अदालत में 15 दिसंबर को एक शिकायत दर्ज कराई जिसमें 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई.

स्वामी ने अदालत से तीन अनुरोध किए हैं. स्वामी चाहते हैं कि उनकी शिकायत को संज्ञान में लेते हुए 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले में राजा पर मुकदमा चलाया जाए. स्वामी ने अदालत से दरख्वास्त की है कि कोर्ट भ्रष्टाचार निरोधी एक्ट के तहत उन्हें अभियोजन पक्ष का वकील नियुक्त करे. मुकदमे की कार्रवाई में स्वामी यह भी चाहते हैं कि अदालत सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दे ताकि घोटाले की जांच में मदद मिल सके.

विपक्ष के भारी दबाव के बाद राजा ने पद से इस्तीफा दे दिया था. कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ने स्पेक्ट्रम आवंटन में गड़बड़ी से सरकार को होने वाला अनुमानित नुकसान 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये बताया है. विपक्ष अब इस घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग पर अड़ा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: आभा मोंढे

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