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राठौड़ ने जमानत की अपील की

२६ मई २०१०

रुचिका गिरहोत्रा कांड में 18 महीने की सजा पाने वाले हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की और अपने लिए जमानत मांगी है.

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तस्वीर: UNI

68 वर्षीय राठौड़ की पत्नी और वकील आभा राठौड़ ने उनकी तरफ से जस्टिस एसएस सैरों की अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर की है. उनका कहना है कि राठौड़ के खिलाफ अदालती फैसला "मीडिया के दबाव" में सुनाया गया है.

मंगलवार को सेशन कोर्ट ने 14 वर्षीय रुचिका गिरहोत्रा के छेड़छाड़ के जुर्म में राठौड़ की छह महीने की सजा को बढ़ा कर 18 महीने कर दिया और उन्हें चंडीगढ़ जेल भेज दिया गया. यह मामला बीस साल पुराना है, जब राठौड़ की हरकतों से तंग आकर उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी रुचिका ने अपनी जान दे दी थी.

जमानत की मांग करते हुए आभा ने याचिका में एसपीएस राठौड़ की दिल की बीमारी का भी जिक्र किया है. इस याचिका पर अदालत आज ही सुनवाई कर सकती है.

इससे पहले रुचिका की दोस्त आराधना ने कहा कि राठौड़ की सजा बढ़ाए जाने से आम आदमी की जीत हुई है. आराधना गुप्ता करीब दो दशकों से न्याय की लड़ाई लड़ती रही हैं. वह कहती हैं, "मुझे लगता है कि यह जनता की जीत है. ताकतवर लोगों पर आम जनता की जीत है."

सिडनी में रह रही आराधना फैसले से थोड़ा निराश भी नजर आईं. वह कहती हैं, "मैं खुश हूं लेकिन थोड़ी निराश भी हूं क्योंकि इस अपराध के लिए मैं और सजा दिए जाने की उम्मीद कर रही थी. लेकिन यह भी बहुत मायने रखता है. यह पहली बार है जब इस आदमी को जेल हुई है. पिछले 19 साल में न्यायपालिका ने सच्चाई का पक्ष लिया है. मुझे महसूस होता है कि आम आदमी की जीत है."

रिपोर्टः एजेंसियां/एस गौड़/ए कुमार

संपादनः ए जमाल