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रिजर्व बैंक ने फिर बढ़ाई ब्याज दरें

१६ सितम्बर २०१०

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी ब्याज दरों में फिर बढ़ोत्तरी की. गुरुवार को आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को बढ़ाने का एलान किया. जुलाई के बाद यह दूसरा मौका है जब यह दरें बढ़ाई गई हैं. महंगाई पर काबू करने की कोशिश.

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तस्वीर: AP

गुरुवार को रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 25 बेसिक प्वाइंट बढ़ा दिया. इसके साथ ही अब भारत में रेपो रेट छह फीसदी हो गई है. रेपो रेट वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक अन्य व्यापारिक बैंकों को कर्ज देता है. यानी अब व्यावसायिक बैंकों को रिजर्व बैंक से महंगा कर्ज मिलेगा.

वहीं केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में में 50 बेसिक प्वाइंट का इजाफा किया. आधे फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ अब रिवर्स रेपो रेट की दर पांच प्रतिशत हो गई है. रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक व्यावसायिक बैंकों से डिपॉजिट लेता है. बैंक दर में बदलाव की घोषणा करते हुए आरबीआई ने एक बयान में कहा, ''अर्थप्रबंधन के लिहाज से मंहगाई प्रमुख चिंता बनी हुई है.''

अर्थशास्त्रियों के मुताबिक आरबीआई ने बाजार से नकदी सोखने के लिए यह कदम उठाए हैं. आरबीआई चाहता है कि देश के व्यावसायिक बैंक बाजार में पूंजी के प्रवाह को रोकें. उम्मीद के मुताबिक रेपो रेट बढ़ाने से बैंक आरबीआई से कम कर्ज लेंगे. वहीं रिवर्स रेपो रेट के चलते अन्य बैंक आरबीआई को पैसा देने के लिए आगे आएंगे, ताकि उनकी पूंजी अच्छी ब्याज दर पर सुरक्षित जगह बनी रहे.

पिछले कुछ सालों में भारतीय रिजर्व बैंक को आए दिन ब्याज दरों में बदलाव करना पड़ रहा है. अभी हाल ही में आरबीआई ने जुलाई में रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट बढ़ाया था. देश में लगातार महंगाई की दर ऊंची बनी हुई है. ऐसे में बैंक बाजार से नकदी सोखने की कोशिश कर रहा है पर सफलता मिलती नहीं दिख रही है. अगस्त में भारत में महंगाई की दर 8.5 फीसदी दर्ज की गई.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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