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'रिज़वान हत्याकांड में फिर से एफ़आईआर दर्ज करे सीबीआई'

१८ मई २०१०

रिज़वान उर रहमान मामले की फिर नए सिरे से जांच करे सीबीआई, कलकत्ता हाई कोर्ट का आदेश. अदालत ने कहा, चार महीने के भीतर जांच पूरी करे सीबीआई. 2007 में रिज़वान का शव रहस्यमय हालात में रेल की पटरी के पास पड़ा मिला था.

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तस्वीर: DW

मंगलवार को जस्टिस भास्कर भट्टाचार्य और पी मंडल की खंडपीठ ने सीबीआई को हत्या की एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की जांच चार महीने के अंदर पूरी करने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत में हत्या की एफ़आईआर होनी चाहिए और नए सिरे से जांच की जानी चाहिए.

रिज़वान एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था. उसने कोलकाता के बड़े व्यवसायी अशोक तोडी की बेटी प्रियंका से शादी की. तोड़ी शादी के ख़िलाफ़ थे और महीने भर बाद 21 सितबंर 2007 को कोलकाता के दमदम इलाके में रिज़वान की लाश मिली थी. तोडी लक्स कोज़ी होजियरी के मालिक हैं. इस मामले में तोडी, उनके रिश्तेदार अनिल सरोगी और कोलकाता पुलिस अधिकारी आरोपी हैं.

रिज़वान के बड़े भाई रुकबनुर रहमान ने एफआईआर दर्ज करवाई थी. आरोप है कि रिज़वान को कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने तोडी और उनके रिश्तेदारों के कहने पर डराया धमकाया ताकि शादी टूट जाए और प्रियंका अपने मायके लौट आए. आरोपों के मुताबिक तोडी पर भरोसा कर प्रियंका वापस गई. तोडी ने आश्वासन दिया था कि प्रियंका रिज़वान के पास आ जाएगी लेकिन वह आई नहीं. बाद में रिज़वान की लाश मिली. पहले कहा गया कि रिज़वान ने ख़ुदकुशी की है लेकिन मेडिकल जांच में पता चला कि रिज़वान को बुरी तरह पीटा गया था, उसके शरीर पर सिर पर कई घाव थे. मेडिकल जांच से साफ हुआ कि यह मामला आत्महत्या का नहीं है.

अक्टूबर में सीबीआई ने तोडी के ख़िलाफ मामला दर्ज किया था. लेकिन तोडी परिवार ने सीबीआई पर आरोप लगाया था कि उन्हें फंसाया जा रहा है. सीबीआई ने भी तोडी परिवार के नौकर को गिरफ़्तार कर मामला रफा दफा करने की तैयारी कर ली थी. लेकिन अब अदालत ने सीबीआई को फिर से एफ़आईआर दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः ओ सिंह