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रुचिका केस: राठौड़ के खिलाफ फैसला आज

२५ मई २०१०

रुचिका गिरहोत्रा मामले मे दोषी हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौड़ को आज सज़ा सुनाई जाएगी. सीबीआई चाहती है कि यौन बदसलूकी के दोषी राठौड़ को छह महीने के बजाए दो साल की कड़ी सज़ा हो.

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तस्वीर: UNI

पूर्व पुलिस महानिदेशक राठौड़ को निचली अदालत पहले ही छह महीने की सज़ा सुना चुकी है. लेकिन उनके अपराध को कहीं ज़्यादा गंभीर माना गया और देश भर में इस मामूली सज़ा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठी. संसद में भी यह मुद्दा उठा और गृह मंत्रालय को सफाई देनी पड़ी कि राठौड़ जैसे लोगों के ख़िलाफ़ पूरी सख़्ती बरती जाएगी.

इसके बाद सीबीआई ने अदालत में राठौड़ की सज़ा बढ़ाने की अपील दायर की. जांच एजेंसी का कहना है कि पूर्व डीजीपी को जिन धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया है, उन्हीं के आधार पर अधिकतम सज़ा दी जाए. इसी साल 11 मई को मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद जिला सत्र न्यायाधीश ने 20 मई को आख़िरी फ़ैसले की तारीख़ तय किया था, जिसे 25 मई तक टाल दिया गया. इससे पहले 21 दिसंबर 2009 को राठौड़ को छह महीने की सज़ा और एक हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई गई थी. राठौड़ ने भी छह महीने के सज़ा के खिलाफ अपील की है.

Der frühere Polizeikommandeur des indischen Bundesstaates Haryana SPS Rathore wird vor dem Gerichtsgebäude in Chandigarh attackiert
राठौड़ पर हमलातस्वीर: UNI

सज़ा बढ़ाने को लेकर हो रही सुनवाई के दौरान आठ फरवरी को राठौड़ पर चाकू से हमला भी हुआ. रुचिका गिरहोत्रा मामले से खिन्न एक युवक ने अदालत जाते समय राठौड़ पर चाकू से वार किया.

रुचिका मामले में राठौड़ पर पद का गलत इस्तेमाल करते हुए झूठे मुकदमे दर्ज कराने का भी आरोप है. इस मामले पर भी फ़ैसला आज आ सकता है. हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौड़ ने 1990 में युवा टेनिस खिलाड़ी रुचिका गिरहोत्रा से यौन बदसलूकी की.

आरोपों के मुताबिक जब रुचिका के परिवार ने राठौड़ के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाने की कोशिश की तो तत्कालीन डीजीपी और पुलिस के कई अन्य अधिकारियों ने गिरहोत्रा परिवार को तरह तरह से परेशान करना शुरू कर दिया. रुचिका के भाई को झूठे मुकदमे में फंसाया गया. राठौड़ और पुलिसिया महकमे की घटिया हरकतों से तंग आकर रुचिका ने आत्महत्या कर ली.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल