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रूसी मदद के लिए किर्गिज़ गुहार

१४ जून २०१०

किर्गिस्तान में फैली अशांति पर यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रभारी कैथरीन ऐशटन ने गहरी चिंता व्यक्त की है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार देश के ओश नगर की सड़कों पर गोलियों से छलनी लाशें बिखरी पड़ी हैं.

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उपद्रव में जले मकानतस्वीर: AP

सरकारी आंकड़ों के अनुसार ओश में कम से कम 117 लोगों की मौत हो चुकी है व एक हज़ार से अधिक लोग घायल हो गए हैं. कुछ आंकड़ों के अनुसार एक लाख लोग भाग कर पड़ोसी देश उज़्बेकिस्तान में पहुंचे हैं. किर्गीज़ व उज़्बेक समुदाय के लोगों के बीच झड़पें जारी हैं, जिनमें खुलेआम गोलीबारी की जा रही है.

कबीलाई परंपरा वाले इस देश में हाल के संघर्ष के पीछे राजनीतिक समीकरण की भी एक भूमिका है. ज़ोरदार प्रदर्शनों के बाद गद्दी छोड़कर बेलारुस भाग गये पूर्व राष्ट्रपति कुरमानबेक बाकीयेव के समर्थक इन झड़पों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं. बेलारूस से जारी किए गए एक वक्तव्य में बाकीयेव ने इन झड़पों में अपना हाथ होने से इंकार किया है. दूसरी ओर, किर्गीज़ नगर जलालाबाद के कमांडर कुबतबेक बाइबोलोव का कहना है कि सिर्फ़ बाकीयेव के समर्थकों और रिश्तेदारों की ओर से ये उपद्रव सत्ता पर दुबारा कब्ज़े की कोशिश हैं.

अप्रैल के जनविद्रोह के बाद सत्तारूढ़ अस्थाई सरकार का अभी तक देश के दक्षिणी हिस्से पर पर्याप्त नियंत्रण नहीं है. सप्ताहांत के दौरान अस्थाई सरकार ने रूस से अपील की कि वह मदद के लिए अपने सैनिक भेजे. लेकिन रूस का कहना है कि वह अकेले सैनिक भेजने को तैयार नहीं है. रूस की कोशिश है कि मास्को के नेतृत्व में बने मध्य एशियाई देशों के संगठन सीएसटीओ में इस मामले पर विचार किया जाए. किर्गिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सूचित किया है कि सोमवार शाम को मास्को में इस मसले पर विचार करने के लिए सीएसटीओ की बैठक होने वाली है.

अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण किर्गिस्तान सामरिक दृष्टि से काफ़ी महत्वपूर्ण है. यहां रूस और अमेरिका के वायु सैनिक अड्डे हैं. अमेरिकी हवाई अड्डे से अफ़ग़ानिस्तान के लिए उड़ानें भरी जाती हैं. अपने सैनिक अड्डों की हिफ़ाज़त के लिए रूस ने रविवार को वहां देढ़ सौ छाता सैनिक भेजे. अपना नाम न बताने की शर्त पर सरकारी सूत्रों ने कहा है कि किर्गिस्तान के दक्षिण में एक पन बिजलीघर की सुरक्षा के लिए भी इन सैनिकों का इस्तेमाल किया जा सकता है. किर्गिस्तान में रूसी दूतावास ने इस ख़बर पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है.

न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के दफ़्तर से जारी एक वक्तव्य में वे कहा गया है कि वे किर्गिस्तान में झड़पों के आयाम से अत्यंत चिंतित हैं. उन्होंने एक विशेष दूत को आदेश दिया है कि वे किर्गिज़ राजधानी बिशकेक में बातचीत के द्वारा स्थिति का जायज़ा लें.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: राम यादव