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रेफरी का फैसला नहीं बदलेगा

२८ अक्टूबर २०१३

जर्मन लीग बुंडेसलीगा में हॉफेनहाईम और बायर लेवरकूजेन के बीच दो हफ्ते पहले हुए मुकाबले के कुख्यात गोल से मिली जीत के नतीजे को बदला नहीं जाएगा. रेफरी के फैसले को बदलने से खेल अदालत ने इनकार किया.

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तस्वीर: picture alliance/Avanti-Fotografie

जर्मन फुटबॉल फेडरेशन डीएफबी ने हॉफेनहाइम की तरफ से दर्ज कराई गई औपचारिक शिकायत यह कह कर खारिज कर दी है कि मैच रेफरी ने किसी नियम को नहीं तोड़ा है और लेवरकूजेन को मिली 2-1 से जीत कायम रहेगी. डीएफबी की अदालत में जज हांस लोरेंज ने फैसला सुनाते हुए कहा, "मिले सबूतों से यह जाहिर है कि इस बारे में अपील करने की कोई वजह नहीं है, रेफरी फेलिक्स ब्रुच ने मौके पर बिना किसी प्रभाव में आए फैसला लिया."

18 अक्टूबर को हुए मुकाबले में लेवरकूजेन के खिलाड़ी कीसलिंग 70वें मिनट में हेडर के जरिए गेंद को गोल पोस्ट में डालने की कोशिश की लेकिन गेंद सामने से न जाकर बगल से एक छेद के जरिए अंदर गई और रेफरी ने गोल होने का संकेत दे दिया. हॉफेनहाइम के पास अभी डीएफबी की ऊंची अदालत में जाने का विकल्प है और टीम के खेल निदेशक मार्कुस रोजेन ने कहा है, "हम इस पर विचार कर रहे हैं."

Fußball Bundesliga TSG 1899 Hoffenheim gegen Bayer 04 Leverkusen
तस्वीर: picture-alliance/dpa

अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल फेडरेशन, फीफा के रेफरी ब्रुच ने अदालत में कहा, "मुझे लगा कि गेंद बाहर जा रही है, सामने बाधा होने की वजह से मैं देख नहीं सका और बाद में जब देखा तो गेंद गोल के अंदर थी." ब्रुच का कहना है कि उन्होंने अपने सहयोगियों से चर्चा की और उनमें से एक ने गोल होने की पुष्टि की. ब्रुच ने कहा कि उन्होंने खेल दोबारा शुरू होने से पहले कीसलिंग से भी बात की और उन दोनों को शंका थी कि सचमुच गोल हुआ है या नहीं. ब्रुच के मुताबिक कीसलिंग ने उनसे नहीं कहा कि गोल नहीं हुआ है.

कीसलिंग ने खेल अदालत से कहा कि उन्होंने गेंद को बगल की ओर जाते देखा उसके बाद बाधा आने के कारण वो नहीं देख सके लेकिन बाद में गेंद गोल के अंदर दिखी. लेवरकूजन के खेल निदेशक रूडी फोएलर ने अंतिम के 20 मिनट का खेल दोबारा कराने का प्रस्ताव रखा. उस वक्त दोनों टीमों के बीच स्कोर 2-2 से बराबरी पर था.

डीएफबी का कहना है कि ब्रुच ने कोई नियम नहीं तोड़ा इसलिए मौके पर लिया गया उनका फैसला फीफा नियमों के मुताबिक ऐसा है जिसे माना जाना चाहिए. लॉरेंस ने यह भी कहा कि डीएफबी पर फीफा को कोई दबाव नहीं है कि उसके फैसले माने जाएं लेकिन डीएफबी की नियंत्रण समिति के अधिकारी एनट्रॉन नाखराइनर ने कहा कि अपने नियमों के साथ "फीफा बिल्कुल दरवाजे बंद" रखता है. लॉरेंस का कहना है, "यह मत पूछिए कि खेल के लिहाज से उन्हें यह फैसला पसंद है या नहीं लेकिन अपील करने की कोई वजह नहीं है." इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "मेरी गर्लफ्रेंड और मेरे बच्चे आज मुझे गालियां देंगे."

एनआर/एएम (डीपीए,एएफपी)

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