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रोड रिजर्व करेगा नेविगेशन

२८ फ़रवरी २०१५

सड़क पर कुछ कारों का रिजर्वेशन, जर्मन रिसर्चर नेविगेशन का एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित कर रहे हैं जो जाम ट्रैफिक पुलिस की तरह हरकत में आकर जाम टालेगा. इससे समय, तेल और पर्यावरण सबको फायदा होगा.

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Symbolbild Mobilität mit Smartphone-Unterstützung
तस्वीर: Fotolia/Syda Productions

एक परेशानी जिसे हर ड्राइवर जानता है, भरी हुई सड़कें, रेंगती गाड़ियां. मौसम अच्छा हो या खराब. जब ट्रैफिक जाम हो जाता है तो रेडियो पर उसकी खबर भी मदद नहीं करती. कभी कभी तो कारों में लगे नेवीगेशन सिस्टम की वजह से ही जाम लग जाता है. जर्मनी के सॉफ्टवेयर डेवलपर क्रिस्टियान ब्रुगेमन इसकी वजह बताते हैं, "कारण यह है कि ज्यादा से ज्यादा नेवीगेशन सिस्टम ट्रैफिक के सामयिक डाटा के साथ जुड़े हुए हैं और फिर उसपर रिएक्ट करते हैं. लेकिन हर सिस्टम एक ही तरह से रिएक्ट करता है. जाम से बचने के लिए हर नेवीगेशन सिस्टम एक ही वैकल्पिक रास्ता सुझाता है और आगे चल कर वह भी जाम हो जाता है."

कैसे होगी रोड रिजर्व

इसका उपाय है एक ऐसा सिस्टम, जो सभी सड़कों की ट्रैफिक सूचना का इस्तेमाल करे और हर ड्राइवर को अलग रास्ता सुझाए. और इस तरह सड़कों पर जाम से बचा जा सकता है. क्रिस्टियान ब्रुगेमन इसे समझाते हैं, "जैसे ही हमें कोई रास्ता सुझाया जाता है, इस पर हमारा रिजर्वेशन भी हो जाता है. इसका मतलब कुछ समय के लिए यह रोड गाड़ी के लिए रिजर्व हो जाता है. यानि एक साथ कई गाड़ियों के एक ही सड़क पर भेजे जाने की संभावना कम हो जाती है."

इस सॉफ्टवेयर में सड़कों की लंबाई, लेन और स्पीड लिमिट के आधार पर गाड़ियों की क्षमता तय की गई है. जैसे ही कोई ड्राइवर किसी रास्ते को चुनता है, सिस्टम तय कर लेता है कि कार को गुजरने में कितना वक्त लगेगा. अगर उस सड़क की क्षमता भर चुकी है, तो खुद दूसरी गाड़ियों को दूसरे रास्ते सुझाएगा. ब्रुगेमन के मुताबिक, "यहां बाईं तरफ हमारे नेवीगेशन सिस्टम का सिमुलेशन है और दाईं तरफ पारंपरिक नेवीगेशन सिस्टम का. आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि हमने विभिन्न गाड़ियों को विभिन्न सड़कों पर भेज दिया है. यातायात को बांट दिया गया है जो शहर की पूरी संरचना का इस्तेमाल कर रहा है. इस प्रकार आप लक्ष्य पर बहुत तेजी से पहुंचते हैं. दाईं तरफ साफ है कि सभी गाड़ियां एक ही रास्ते पर जाने की कोशिश कर रही हैं. और यहां जाम की स्थिति बन रही है."

सॉफ्टवेयर के फायदे

इस सिस्टम की मदद से सड़क जाम से बचा जा सकता है. इसके अलावा कार की गति और स्थिति की गणना वास्तविक समय में की जा सकती है. कंप्यूटर सिमुलेशन के मुताबिक इस तरह ट्रैफिक तीस फीसदी तेज चल सकता है. भीड़ भाड़ वाले वक्त में इस ऐप की मदद से मंजिल पर दोगुनी तेजी से पहुंचा जा सकता है. सिस्टम जितनी ज्यादा कारों में लगेगा, ट्रैफिक जाम उतना कम किया जा सकेगा.

पूरे यातायात को बेहतर बनाने और जाम को रोकने के लिए कम से कम दस फ़ीसदी ड्राइवरों की हिस्सेदारी जरूरी है. यह सिर्फ इस दस प्रतिशत की मदद नहीं करता, बल्कि सभी दूसरे ड्राइवरों की मदद भी करता है, ताकि जाम से बचा जा सके.

ये दस फीसदी का अहम आंकड़ा क्रिस्टियान ब्रुगेमन की टीम अकेले हासिल नहीं कर सकती. इसलिए योजना यह है कि एक खुले इंटरफेस के जरिए इस सॉफ्टवेयर को दूसरे मैन्यूफैक्चरर्स भी इस्तेमाल कर सकें. बॉश के साथ समझौता हो गया है, जो फोर्ड और ओपेल गाड़ियों के नेवीगेशन सिस्टम बनाता है. अगला बाजार अमेरिका का है. रोजाना किए जा रहे प्रयोगों में सिस्टम की ताकत दिख रही है. ब्रुगेमन खुद अपने सॉफ्टवेयर को परख रहे हैं, "मैं हर रोज दफ्तर जाते समय अनुभव कर रहा हूं कि नेविगेशन सिस्टम मुझे अलग अलग रास्ते पर भेजता है. लेकिन अंत में मैं लगभग एक ही समय पर मंजिल तक पहुंचता हूं. तात्पर्य यह है कि सभी कारों के लिए रोड पर पर्याप्त जगह है लेकिन वे उनका इस्तेमाल नहीं करतीं. हमारे सिस्टम की मदद से, कारें पूरे जगह का इस्तेमाल कर सकेंगी और तेजी से मंजिल तक पहुंचेंगी."

इस सिस्टम से सिर्फ समय और पैसे नहीं बचेंगे. पेट्रोल की बचत होगी और प्रदूषण भी कम होगा. यह एक इको फ्रेंडली नेवीगेशन सिस्टम साबित हो सकता है, जो ट्रैफिक जाम से भी बचाएगा.

मार्टिन रीबे/एजेए