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'लश्कर ए तैयबा टिक टिक करता टाइम बम'

४ जुलाई २०१०

लश्कर ए तैयबा पूरे दक्षिण एशिया के लिए ऐसा बम है जो कभी भी फट सकता है. ये कहना है अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ डैनियल मार्के का. मार्के ने ओबामा प्रशासन से मांग की है कि लश्कर पर नकेल कसने के लिए पूरे मन से कोशिश की जाए.

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तस्वीर: AP

मार्क ने मुंबई हमलों के लिए लश्कर को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि पाकिस्तान ने लश्कर पर शिकंजा कसने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नही उठाया है. लश्कर ने मुंबई पर तो हमला किया ही है साथ ही वो कई आतंकवादी संगठनों को खड़ा कर रहा है. पूरे दक्षिण एशिया के लिए वो किसी टाइम बम से कम नहीं है. डैनियल मार्क दक्षिण एशिया पर निगाह रखने वाली एक प्रमुख अमेरिकी संस्था काउंसिल ऑन फॉरेंन रिलेशन के सदस्य हैं.

डैनियल ने साफ कहा है कि लश्कर ए तैयबा पर पाकिस्तान के तालिबान से भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. कहा गया है कि लश्कर की पैठ पाकिस्तान के कोने कोने में हैं. न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर में बम से हमला करने वाले फैसल शहजाद ने भी लश्कर ए तैयबा से संबंधों को स्वीकार किया है.

Pakistans neuer Präsident Asif Ali Zardari
पाकिस्तान की भूमिका पर सवालतस्वीर: AP

डैनियल मानते हैं कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांति लाने के जिस तरीके पर काम कर रहा है उससे बात इतनी आसानी से नहीं बनेगी. पाकिस्तान ने अब तक जिन संगठनों से सुलह कराई है उनकी इलाके में कोई बड़ी भूमिका नहीं है. ऐसे संगठन अमेरिका के लिए किसी काम के नहीं. हक्कानी के गुट का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि गठबंधन फौज की मदद से हक्कानी अफगानिस्तान में अपनी पकड़ बनाना चाहते हैं लेकिन उनके वहां जमने से अमेरिकी हितों का भला नहीं होने वाला. अमेरिका की प्राथमिकता है अल-क़ायदा को अफगानिस्तान में बेस बनाने से रोकना.

लश्कर और उसके संस्थापक हाफिज़ सईद पर कार्रवाई की मांग भारत लंबे समय से करता आ रहा है. हाफिज़ सईद पर मुंबई हमलों की साजिश रचने का भी आरोप है. डैनियल से पहले अमेरिकी सेना प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन ने भी कहा था कि लश्कर का दायरा अब दक्षिण एशिया से आगे बढ़ चुका है और वो दुनिया भर में हमले की योजना बना रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन

संपादनः ओ सिंह.