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लैला का कहर, 14 मरे

२० मई २०१०

चक्रवाती तूफ़ान लैला दक्षिण भारतीय प्रांत आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके में पहुंच गया है जबकि 14 साल में सबसे गंभीर तूफान के कारण नुकसान की आशंका से हज़ारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

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तस्वीर: picture-alliance / dpa

लैला तूफान के कारण आंध्र प्रदेश और उड़ीसा के तटीय इलाक़ों में भारी वर्षा हो रही है. समुद्र में तीन मीटर ऊंचा ज्वार उठ रहा है जबकि बहुत से इलाक़ों में बिजली आपूर्ति तथा संचार संपर्क में बाधा पहुंची है. तेज़ हवाओं और भारी वर्षा के कारण 14 लोगों के मारे जाने की ख़बर है.

लैला तूफान के ज़मीन पर पहुंचने के एक दिन पहले भारी वर्षा में लगभग 17 लोग मारे गए जबकि राज्य प्रशासन ने कहा है कि निचले इलाकों से 40,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. राहत अधिकारियों का कहना है कि लोगों को वर्तमान तूफान राहत शिविरों के अलावा स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में ठहराया जा रहा है.

Indien Zyklon Sidr
मछुआरों को चेतावनीतस्वीर: DW/Alexander Göbe

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के. रोसैय्या ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फ़ोन कर अतिरिक्त सहायता की मांग की. उसके बाद लोगों को हटाने के प्रयासों में सेना के जवानों को भी शामिल किया गया है. बालाजीनगर के एक निवासी ने एक स्थानीय टेलिविज़न चैनल को बताया है कि शहर की बिजली कटी हुई है.

भारतीय मौसम विभाग ने लैला तूफान को गंभीर की कोटि में रखा है और कहा है कि वह बंगाल की खाड़ी के अपने वर्तमान स्थान से गुरुवार शाम मछलीपटनम शहर में ज़मीन पर पहुंचेगा. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि समुद्री लहरें सामान्य से दो मीटर ऊंची होंगी. तूफान से पेड़ों और घरों के गिरने तथा भागने के रास्तों के बंद होने की आशंका है.

मछुआरों को समुद्र पर नहीं जाने की सलाह दी गई है. तेल कंपनी रिलायंस ने एहतियाती तौर पर खाड़ी में खनिज तेल और गैस का उत्पादन रोक दिया है.

Bangladesch nach dem Zyklon Aila Flash-Galerie
आयला तूफान के बाद बाढ़तस्वीर: DW

अप्रैल से नवम्बर के बीच बंगाल की खाड़ी से उठने वाले चक्रवाती तूफान भारत और बांग्लादेश में नियमित रूप से तबाही मचाते रहते हैं. पिछले साल मई में तूफान आयला ने 300 लोगों की जान ली थी और 4000 किलोमीटर रोड और तटबंध तोड़ दिये थे. उसके बाद आई बाढ़ में 2 लाख लोग बेघर हो गए थे, जिनमें से कुछ अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: राम यादव